इस बंदरगाह की प्रबंध समिति के प्रमुख शुन लिजुन ने कहा कि कई महीनों तक चले मरम्मत कार्य के बाद बंदरगाह जाने वाली सड़क को दोबारा खोला गया, जिसके बाद बंदरगाह का संचालन फिर से शुरू हो गया।
उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद सीमा व्यापार में आई भारी गिरावट के बाद अब इस बंदरगाह से व्यापार में बेतहाशा वृद्धि होगी। नेपाल 2006 से तिब्बत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है।
यह बंदरगाह काठमांडू से लगभग 130 किलोमीटर दूर है, जो दोनों देशों को जोड़ता है। लेकिन कमजोर बुनियादी ढांचे की वजह से धीरे-धीरे इसने अपना प्रभाव खो दिया।
पिछले साल के अंत में द्विपक्षीय आर्थिक एवं पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए इसका विस्तार किया गया।
नेपाल में 2014 में हुए एक भारी भूस्खलन की वजह से तिब्बत एवं नेपाल के तातोपानी बंदरगाह के बीच अगस्त से अक्टूबर के बीच सड़क यातायात बाधित हो गया था। इसके कारण तिब्बत के विदेशी व्यापार की मात्रा सालाना आधार पर लगभग 33 प्रतिशत लुढ़क गई थी।