शी ने कहा, “आज का दिन इतिहास में याद किया जाएगा। बैठक ने चीन व ताइवान के संबंधों का एक ऐतिहासिक पन्ना खोल दिया है।”
वार्ता शुरू होने से पहले दोनों नेताओं ने लगभग एक मिनट 10 सेकंड तक हाथ मिलाया, जिसे संबंधों की मजबूती के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है। साल 1949 के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है।
शी तथा मा ने एक बंद कमरे में एक घंटे तक बैठक की।
चीन के ताइवान मामलों के प्रमुख झांग झिजुन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शी ने दोनों पक्षों से आम राजनीतिक सहमति का पालन करने का आह्वान किया है, जो साल 1992 में दोनों पक्षों द्वारा पहुंची गई सहमति की ओर इशारा करता है, जो एक चीन सिद्धांत को बढ़ावा देता है।
झांग के अनुसार, शी ने कहा, “सात वर्षो से अधिक समय से चीन व ताइवान का शांतिपूर्वक विकास साल 1992 की सहमति का पालन करता है और ताइवान की आजादी का विरोध करता है।”
उन्होंने कहा कि बीते सात वर्षो के दौरान दोनों पक्षों ने कुल 23 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, 40 हजार से अधिक छात्रों का आदान-प्रदान हुआ, पर्यटकों की संख्या बढ़कर सालाना 80 लाख से अधिक हो गई तथा सालाना व्यापार 170 अरब डॉलर से अधिक हो गया।
राष्ट्रपति शी के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे की मेजबानी करने वाले सिंगापुर ने कहा कि वह वार्ता को प्रोत्साहित कर व स्थल मुहैया कराकर खुश है।