उन्होंने कहा कि चीन कृषि, ऊर्जा, परिवहन, सूचना, पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं उपग्रह नैविगेशन क्षेत्रों में अरब देशों के साथ सहयोग करना चाहेगा।
वान ने कहा कि चीन संयुक्त प्रयोगशालाओं के निर्माण, अरब देशों से अधिक युवा वैज्ञानिकों को चीन में काम करने के लिए आमंत्रित कर और प्रौद्योगिकी स्थानांतरण केंद्रों की स्थापना के जरिये अरब देशों के साथ प्रौद्योगिकीय सहयोग को बढ़ावा देगा।
वान ने कहा कि चीन और अरब के देश विकासशील देश हैं और ये औद्योगिक बदलाव तथा उन्नयन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। इसलिए दोनों पक्षों के बीच सहयोग आपसी हित में हैं।
चीन-अरब देशों का यह एक्सपो इस तरह का दूसरा आयोजन है, जिसका उद्देश्य चीन और मध्य-पूर्व के देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना है। इस एक्सपो की शुरुआत निंगशिया के यिचुआन में गुरुवार को हुई।
इस चार दिवसीय एक्सपो में आपसी सहयोग के अवसरों की तलाश के लिए दोनों देशों के नेता, सरकारी अधिकारी और कॉर्पोरेट जगत के दिग्गज शिरकत कर रहे हैं।
चीन और अरब देशों के बीच 1950 के दशक में व्यापार एक करोड़ डॉलर का था, जो 2014 में बढ़कर 251.2 अरब डॉलर हो गया। इससे चीन को अरब देशों में दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनने में मदद मिली।