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 चीनी मिलों पर गन्ना उत्पादकों का बकाया बढ़कर 11,500 करोड़ रुपये | dharmpath.com

Monday , 25 November 2024

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चीनी मिलों पर गन्ना उत्पादकों का बकाया बढ़कर 11,500 करोड़ रुपये

नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)। देशभर में गन्ना उत्पादकों का चीनी मिलों पर बकाया बढ़कर करीब 11,500 करोड़ रुपये हो गया है। उत्तर प्रदेश के किसानों का सबसे ज्यादा बकाया 8,500 करोड़ रुपये हो गया है।

नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)। देशभर में गन्ना उत्पादकों का चीनी मिलों पर बकाया बढ़कर करीब 11,500 करोड़ रुपये हो गया है। उत्तर प्रदेश के किसानों का सबसे ज्यादा बकाया 8,500 करोड़ रुपये हो गया है।

चीनी उद्योग संगठनों का कहना है कि उत्पादन लागत के मुकाबले चीनी का बाजार भाव कम होने से मिलों को घाटा हो रहा है जिसके कारण किसानों को गóो का दाम समय पर नहीं मिल पा रहा है।

नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड के महानिदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “चीनी मिलों को प्रति क्विं टल 500 रुपये का घाटा हो रहा है। मिलों को एक क्विं टल चीनी उत्पादन पर करीब 3650 रुपये की लागत आती है जबकि चीनी का बाजार भाव अभी 3150-3250 रुपये प्रति क्विंटल है। यही कारण है कि चीनी मिलें गन्ना उत्पादकों को समय पर भुगतान नहीं कर पा रही हैं।”

नाइकनवरे के मुताबिक, जब तक चीनी के बाजार भाव में बढ़ोतरी नहीं होगी मिलों पर गन्ना किसानों के बकाये का बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा, “पिछले दिनों चीनी पर आयात शुल्क बढ़ाये जाने पर कीमतों में सुधार आया था, लेकिन फिर गिरावट आ गई है जिससे देशभर में गन्ना किसानों का बकाया पिछले हफ्ते तक बढ़कर 11,500 करोड़ रुपये हो गया है। उत्तर प्रदेश में मिलों पर करीब 8,500 करोड़ रुपये का बकाया अब तक हो चुका है वहीं, महाराष्ट्र में गन्ना उत्पादकों का बकाया 2,500 रुपये है। बाकी अन्य प्रदेशों में है।”

मिलों को गóो की खरीद के बाद निर्धारित 14 दिन के भीतर किसानों को भुगतान करना होता है अगर इस अवधि में भुगतान नहीं किया गया तो उसे बकाया कहलाता है।

उत्तर प्रदेश में चीनी का फैक्टरी गेट मूल्य अथवा एक्स मिल रेट इस समय करीब 3200-3250 रुपये और महाराष्ट्र में 3100-3150 रुपये प्रति क्विं टल है।

इस साल देश में चीनी का उत्पादन करीब 260 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि खपत करीब 240-245 लाख टन के आसपास बताया जा रहा है। ऐसे में 15-20 लाख टन चीनी की अधिक आपूर्ति होने की वजह से कीमतों पर दबाव बना हुआ है। चालू गन्ना पेराई सत्र 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में 15 फरवरी 2018 तक देशभर में कुल 203.14 लाख टन चीनी उत्पादन हो चुका है।

चीनी मिलों का संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन प्रेसिडेंट गौरव गोयल ने कहा कि आपूर्ति आधिक्य से जो घरेलू बाजार में कीमतों में गिरावट आई है और उसके परिणामस्वरूप मिलों पर दबाव है और उससे उबरने के लिए चीनी का निर्यात ही एकमात्र कारगर विकल्प है।

उन्होंने कहा, “इस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतें भारत के मुकाबले काफी कम है। ऐसे में निर्यात के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन की दरकार है।”

चीनी मिलों पर गन्ना उत्पादकों का बकाया बढ़कर 11,500 करोड़ रुपये Reviewed by on . नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)। देशभर में गन्ना उत्पादकों का चीनी मिलों पर बकाया बढ़कर करीब 11,500 करोड़ रुपये हो गया है। उत्तर प्रदेश के किसानों का सबसे ज्यादा नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)। देशभर में गन्ना उत्पादकों का चीनी मिलों पर बकाया बढ़कर करीब 11,500 करोड़ रुपये हो गया है। उत्तर प्रदेश के किसानों का सबसे ज्यादा Rating:
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