नई दिल्ली, 5 जनवरी – भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गम्भीर ने आईसीसी के चार दिन के टेस्ट मैच को आइडिया को हास्यास्पद करार दिया है। आईसीसी ने 2023 टेस्ट चैम्पियनशिप से चार दिनी टेस्ट को अनिवार्य करने का विचार रखा है। उसके इस विचार का सभी ओर से विरोध हो रहा है। एक दिन पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी इस आइडिया को खारिज कर दिया था और अब गम्भीर ने कोहली के विचारों का समर्थन किया है।
गम्भीर ने यह भी कहा कि चार दिन का टेस्ट मैच किए जाने के बाद अधिक मैच ड्रॉ होंगे और फिर नए तरह की बातें सामने आने लगेंगी। कोहली ने भी कहा था कि चार दिन के टेस्ट से परिणाम नहीं निकलेंगे तो फिर इसकी आलोचना होगी और इसे तीन दिन और फिर आने वाले समय में खत्म कर देने की बात होने लगेगी।
गम्भीर ने टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित अपने कॉलम में लिखा, “चार दिन का टेस्ट एक हास्यास्पद विचार है। इसे तुरंत वापस ले लेना चाहिए। इससे अधिक से अधिक मैच ड्रॉ होंगे और साथ ही साथ टेस्ट में स्पिनरों का कोई स्थान नहीं रह जाएगा क्योंकि वे अधिक से अधिक विकेट पांचवें दिन ही लेते हैं।”
गम्भीर और कोहली के अलावा सचिन तेंदुलकर ने भी आईसीसी के इस विचार का विरोध किया है। सचिन का भी विचार है कि टेस्ट में पांचवें दिन स्पिनरों का बोलबाला रहता है और वे हालात का फायदा उठाकर अपनी टीम के लिए योगदान देते हैं लेकिन आईसीसी का यह आइडिया उसने उनका यह हक छीन लेगा।
सचिन ने मुम्बई मिरर से कहा, “स्पिनर पुरानी हो चुकी गेंद और टूटी हुई विकेट का फायदा उठाकर पांचवें दिन कमाल करते हैं। यह सब टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा है। ऐसे में क्या यह उचित होगा कि स्पिनरों का यह हक उनसे छीना जाए।”
सचिन ने कहा, “आज टी-20 हो रहे हैं। वनडे हो रहे हैं और अब तो टी-10 भी होने लगे हैं। ऐसे में क्रिकेट के सबसे प्यूरेस्ट फॉर्म के साथ छेड़छाड़ जायज नहीं है। इसकी कोई जरूरत नहीं है।”
इससे पहले, कोहली ने शनिवार को कहा था कि वह आईसीसी के चार दिन के टेस्ट मैच के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि उनना मानना है कि यह खेल के सबसे शुद्ध प्रारूप के साथ न्याय नहीं होगा। कोहली के मुताबिक टेस्ट क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए डे-नाइट टेस्ट बहुत है क्योंकि इसके माध्यम से टेस्ट क्रिकेट का व्यापक बाजारीकरण किया जा सकता है।
कोहली ने भारत और श्रीलंका के बीच यहां खेले जाने वाले पहले टी-20 मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा, “मेरे हिसाब से इसमें बदलाव नहीं होने चाहिए। जैसा मैंने कहा टेस्ट क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए डे-नाइट टेस्ट लाया गया है, इससे उत्साह पैदा होता है, लेकिन इससे ज्यादा इससे छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि ऐसा किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “आप टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा डे-नाइट टेस्ट का बदलाव कर सकते हो। इसकी चलन शुरू हो चुकी है। किसी और बात पर ध्यान केंद्रित करने की जगह सिर्फ डे-नाइट टेस्ट पर ही फोकस किया जाए तो इस फॉरमेंट में काफी आकर्षण आ सकता है।”
कोहली से पहले आस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के कप्तान टिम पेन, ग्लैन मैक्ग्रा, नाथन लॉयन, दक्षिण अफ्रीका के वार्नोन फिलेंडर भी इसकी खिलाफत कर चुके हैं।