नई दिल्ली, 15 मार्च (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद की एक जमानत याचिका पर शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया।
लालू करोड़ों रुपये के चारा घोटाला से जुड़े मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल की सजा काट रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सीबीआई को लालू की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।
लालू की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायालय से कहा कि लालू प्रसाद पिछले 22 महीनों से जेल में हैं और उनकी सेहत ठीक नहीं है।
अपनी सजा का एक हिस्सा प्रसाद ने खराब सेहत के कारण अस्पताल में बिताया है।
झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद प्रसाद ने 10 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
प्रसाद को बिहार के देवघर कोषागार से फर्जी तरीके से धन की निकासी के एक मामले में 23 दिसंबर, 2017 को दोषी ठहराया गया था। उन्हें पिछले साल मई में इलाज के लिए अस्थायी जमानत दी गई थी, लेकिन उच्च न्यायालय के कहने पर उन्हें अगस्त में समर्पण करना पड़ा था।
प्रसाद को चारा घोटाले के चार मामलों में दोषी ठहराया गया है और उन्हें 14 साल कारावास की सजा सुनाई गई है।