फिजिशियन डॉ. एस.के. अग्रवाल के अनुसार, आमतौर पर नूडल्स में जिस मैदा व अरारोट का इस्तेमाल किया जाता है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होती। इसे खाने से पेट और दिल की बीमारियां होती हैं। इसमें प्रयुक्त मैदा एवं अरारोट आंतों में चिपकता है, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है। नूडल्स के साथ परोसी जाने वाली सॉस में वसा की मात्रा अधिक होने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जिससे हृदयाघात की आशंका बढ़ जाती है।
डॉ. आरसी शर्मा कहते हैं कि नूडल्स में पड़ने वाले मसाले लोगों को लती बना देते हैं। इसमें अजीनो मोटो का मिश्रण होता है, जो स्वाद ग्रंथियां कमजोर करता है। लगातार सेवन करने से कुछ समय बाद साधारण नमक का भी पता नहीं चलता। इसी तरह पेटीज, मोमोज, पिज्जा, बर्गर आदि खाने से भी तमाम बीमारियां जन्म लेती हैं।
पेटीज को बेकरी से ग्राहक तक पहुंचने में कम से कम तीन दिन तक लगते हैं। ऐसे में उसमें भरे गए आलू जल्द खराब होने की पूरी आशंका है। मोमोज का उबला मैदा भी पाचन तंत्र के लिए नुकसानदेह है।
ठेलों पर परोसे जाने वाले फास्ट फूड की सॉस में बासी सब्जियों के प्रयोग की प्रबल आशंका होती है। इसमें लाल रंग व कृत्रिम खारेपन का प्रयोग किया जाता है, जो कि अल्सर जैसी बीमारी को जन्म देता है।
चिकित्सकों की सलाह :
-गर्मी में फास्ट फूड या जंक फूड के अलावा तली-भुनी चीजों से भी परहेज करना चाहिए।
-पानी खूब पिएं। पानी के साथ नींबू का इस्तेमाल भी बेहतर रहता है।
-खरबूजा एवं तरबूज खाने से पहले उसे कम से कम तीन घंटे पानी में जरूर डालना चाहिए।
-अगर कहीं फास्ट फूड खाना भी पड़े तो नामी कंपनी की सॉस का ही इस्तेमाल करें।
-समोसा खाने से पहले यह जरूर जान लें कि उसमें भरा गया आलू कब उबाला गया।
-धूप से आकर तुरंत कच्ची बर्फ के इस्तेमाल से बचें। रंगदार शर्बत कतई न पिएं।
-खाने में तेल एवं तेज मसालों का प्रयोग न करें।
-मौसमी फलों का अधिकाधिक सेवन करें, लेकिन पहले से कटे हुए फल-सब्जियां न खाएं
-कच्चा आम, आम का पना, पुदीना व सौंफ का इस्तेमाल फायदेमंद रहता है।
-पहले से निकाल कर रखा गया गन्ने का जूस कतई न पिएं। लस्सी एवं दही फायदेमंद है।