लखनऊ, 31 दिसम्बर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर मची रार में सुलह के साफ संकेत दिख रहे हैं। एक दिन पहले पार्टी से छह साल के लिए निकाले गए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को 24 घंटे से भी कम समय में पार्टी में वापस ले लिया गया।
अखिलेश और रामगोपाल की पार्टी में वापसी की घोषणा स्वयं सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “नेताजी के आदेशानुसार अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। सब साथ मिलकर सांप्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे और पुन: उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।”
सपा में अखिलेश और रामगोपाल की वापसी के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह के खिलाफ जल्द कोई बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
शिवपाल ने अखिलेश और रामगोपल की पार्टी में वापसी की जानकारी ट्विटर पर देने के साथ-साथ संवाददाताओं को भी इस बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर जारी विवाद को भी जल्द सुलझा लिया जाएगा। सभी से बातचीत के बाद सबकुछ तय कर लिया जाएगा और नई सूची बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘वर्ष 2017 में मिलकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।’
इससे पहले अखिलेश ने अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर समर्थक विधायकों व मंत्रियों के साथ बैठक की। बताया जाता है कि इसमें 200 से अधिक विधायक पहुंचे।
बैठक के बाद अखिलेश सपा अध्यक्ष व अपने पिता मुलायम से मिलने उनके 5, विक्रमादित्य मार्ग आवास पहुंचे। वह उप्र सरकार में मंत्री व सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के साथ मुलायम से मिलने पहुंचे। आजम पिता-पुत्र दोनों के करीबी बताए जाते हैं। मुलायम से मिलने शिवपाल भी अपने बेटे आदित्य यादव के साथ पहुंचे थे।
सपा सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने अखिलेश से कहा, “मैं कभी तुम्हारे खिलाफ नहीं था। तुम्हारे खिलाफ होता तो तुम्हें मुख्यमंत्री क्यों बनाता?”