ग्वालियर, 15 मार्च (आईएएनएस)। संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर में तीन दिवसीय ध्रुपद समारोह शुरू हो गया। ध्रुपद समारोह का यह पहला आयोजन है। शनिवार शाम शुरू हुए इस समारोह में शीर्षस्थ साधक अपनी स्वर लहरियां बिखेर रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित ध्रुपद समारोह का शनिवार शाम केंद्रीय इस्पात एवं खनन मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने उद्घाटन किया। समारोह की अध्यक्षता महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने की।
इस मौके पर तोमर ने कहा कि संगीत हमारे देश में केवल मनोरंजन भर का साधन नहीं अपितु परम आनंद और ईश्वर प्राप्ति का साधन भी है। माया सिंह ने कहा कि राजा मानसिंह ध्रुपद गायन के प्रणेता माने जाते हैं। उन्हीं के नाम से सरकार ने यह समारोह शुरू किया है।
ध्रुपद गायकी के क्षेत्र में विख्यात डागर परिवार में जन्मे पद्मश्री उस्ताद वासिफ उद्दीन डागर ने जब अपनी सुरीली तान छेड़ी तो बारिश से सर्द हुई फिजाओं में गर्माहट दौड़ गई। उस्ताद वासिफ उद्दीन डागर ने अलाप, मध्य लय आलाप, द्रुत लय आलाप के उपरांत राग-श्री में बंदिश प्रस्तुत की।
समारोह में पं़ पुष्पराज कोष्ठि ने सुर-बहार से रस वर्षा की। ख्याल गायक उदय भवालकर ने अपने गायन की शुरुआत राग जोग में ‘नाद भेद सो-यारो’ बंदिश के गायन के साथ किया।