भोपाल, 14 जनवरी (आईएएनएस)। एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा है कि मध्य प्रदेश के अगले औद्योगिक हब के तौर पर ग्वालियर को विकसित किया जा सकता है, इसके लिए जरूरी है कि राज्य सरकार का नजरिया सकारात्मक हो।
राजधानी भोपाल में संवाददाता सम्मेलन में रावत ने एसोचैम के निदेशक यू.के. जोशी के साथ बुधवार को एसोचैम द्वारा तैयार ‘ग्वालियर : औद्योगिकीकरण की संभावनाओं से भरी धरती’ विषय पर अध्ययन रपट जारी की और कहा कि ग्वालियर राज्य का अगला औद्योगिक हब बन सकता है, क्योंकि यहां भवन निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र निर्माण, हथकरघा और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं।
रावत ने एसोचैम द्वारा ग्वालियर को लेकर तैयार किए जा रहे ब्लू प्रिंट की चर्चा करते हुए कहा कि अगर उसके इस प्रस्ताव पर सरकार ने सकारात्मक रुख अपनाया तो अकेले ग्वालियर जिले में ही 50 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि ग्वालियर में औद्योगिक संभावनाओं को लेकर एसोचैम द्वारा 20 फरवरी को ग्वालियर में सम्मेलन सह-प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में देश के विभिन्न कारोबारियों को आमंत्रित किया जाएगा, ताकि वे यहां की संभावनाओं को करीब से देखें और उद्योग स्थापित करने पर विचार करें।
रावत ने बताया कि ग्वालियर में विकास की अनेक संभावनाएं हैं, और इस जिले में क्षमता भी है, मगर औद्योगिक विकास के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं की भारी कमी है। इस स्थिति में सुधार जरूरी है।
राज्य सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले निवेशकों के सम्मेलन पर रावत ने सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के साथ उद्योगपतियों ने लाखों करोड़ रुपये के करारों पर हस्ताक्षर किए हैं, अगर किए गए करों में से 20 प्रतिशत भी जमीन पर उतर आए होते तो राज्य की तस्वीर ही बदल जाती। अफसोस है कि बात कागजों से आगे नहीं बढ़ी है।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।