उसके मुताबिक 2015 में देश की आर्थिक विकास दर के 6.4 फीसद रहने के आसार हैं। अगले साल से इसमें और तेजी आएगी। फिलहाल चेतावनी दी है कि जाति के आधार पर भेदभाव और अन्य कारक समृद्धि के रास्ते में रोड़ा डाल सकते हैं।
विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस मुद्दे से भली-भांति परिचित है। विश्व बैंक का भारत के प्रति नजरिया काफी सकारात्मक है। दुनिया में दूसरे देश जहां औसत दर्जे का प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं भारत का प्रदर्शन शानदार होगा। यहां वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में पहुंचे किम ने कहा कि निवेशकों, उद्योगपतियों और सीईओ को व्यापार करने की खातिर गुजरात सहित समूचे भारत के प्रति आशावादी नजरिया रखने के कई कारण हैं।
अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था इस साल 6.4 फीसद और अगले साल इससे भी तेज गति से बढ़ेगी। पिछले दो वित्त वर्षो के दौरान पांच फीसद से नीचे रहने के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखने शुरू हो गए हैं। 2014-15 की दूसरी और तीसरी तिमाही में वृद्धि दर पांच फीसद से ऊपर रही। तेज विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार मजबूत आधार बनाने में जुटी है।
राष्ट्रीय नियामकीय ढांचों को दुरुस्त करने के साथ पब्लिक फंड को अधिक कारगर तरीके से उपयोग करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। सामाजिक समावेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जागरण के अनुसार