नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। ग्रीस सरकार और कर्जदाता संगठनों के बीच वार्ता विफल हो जाने के बाद ग्रीस से संबंधित घटनाक्रम पर भारत की नजर गड़ी हुई है, लेकिन सरकार के पास इस संकट के देश पर पड़ने वाले प्रभाव से निपटने की कोई ठोस योजना नहीं है। यह बात वित्त सचिव राजीव महर्षि ने सोमवार को कही।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हालांकि इस मुद्दे पर लगातार भारतीय रिजर्व बैंक के साथ चर्चा कर रही है, ताकि किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने की व्यवस्था की जा सके।
महर्षि ने यहां संवाददाताओं से कहा, “स्थिति लगातार बदल रही है। हमारे पास ऐसी कोई ठोस योजना नहीं है, जिसका उपयोग किया जा सके।”
ग्रीस कर्ज संकट के कारण देश के प्रमुख शेयर बाजारों में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 166.69 अंकों की गिरावट के साथ 27,645.15 पर और निफ्टी 62.70 अंकों की गिरावट के साथ 8,318.40 पर बंद हुआ।
यह गिरावट ग्रीस के लिए एक महत्वपूर्ण समय सीमा से एक दिन पहले दर्ज की गई है, जब उसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कर्ज के एक किस्त की वापसी करनी है। निवेशकों को साधारण तौर पर कर्ज वापसी की ग्रीस की क्षमता पर भरोसा नहीं है।
ग्रीस सरकार ने कर्ज की अगली खेप पाने के लिए पेश की जा रही शर्तो को स्वीकार करने पर देश में पांच जुलाई को जनमत संग्रह कराने का फैसला किया है। पिछले कर्ज के एक हिस्से की वापसी हालांकि उससे पहले 30 जून को ही की जानी है, जिसमें संशय बना हुआ है। ग्रीस यदि कर्ज चुका पाने में असफल रहता है, तो उसे यूरोपीय संघ से बाहर भी होना पड़ सकता है।
ग्रीस ने चार जून को आईएमएफ को 30 करोड़ यूरो के कर्ज के एक किस्त को चुकाने की तिथि आगे बढ़ा दी थी।