नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। देश के आर्थिक विकास को बाधित करने वाली गतिविधियां संचालित करने के आरोप में केंद्र सरकार ने विदेशी योगदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत ग्रीनपीस इंडिया का पंजीकरण रद्द कर दिया है। ग्रीनपीस इंडिया ने हालांकि कहा कि सरकार की दमनकारी कोशिशों से बिना प्रभावित हुए उसका काम जारी रहेगा।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं को यहां बताया कि एफसीआरए के तहत ग्रीनपीस इंडिया का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। इस फैसला का मतलब यह है कि अब संगठन को विदेश से चंदा नहीं मिल पाएगा, जिसका संगठन के कुल संचालन खर्च में 30 फीसदी योगदान होता है।
पांच महीने पहले गृह मंत्रालय ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) का एफसीआरए लाइसेंस छह महीने के लिए रद्द कर दिया था और उसके सात बैंक खातों पर रोक लगा दी थी। मंत्रालय ने संगठन पर आरोप लगाया था कि पर्यावरण पर काम करने वाला यह संगठन देश के आर्थिक विकास और जनहित के विरुद्ध काम कर रहा है।
सरकार के ताजा कदम पर प्रतिक्रिया में देते हुए एनजीओ ने कहा कि अपने भारतीय समर्थकों की मदद से वह अपने अभियान को जारी रखेगा।
ग्रीनपीस की अंतरिम कार्यकारी सह-निदेशक विनुता गोपाल ने कहा, “यह सरकार लगातार असहमत आवाजों को दबाने की कोशिश में है और हमारे एफसीआरए लाइसेंस का निरस्तीकरण इस प्रयास में केवल उनका अगला कदम है।”
ग्रीनपीस की राजनीतिक सलाहकार निर्मला करुणन ने कहा, “यदि सरकार यह सोचती है कि विदेशी चंदे को बंद कर के हमारे अभियानों पर रोक लगा सकती है तो हमें भी यह विश्वास है कि हमारे हजारों भारतीय समर्थकों के सहारे हमारा काम जारी रहेगा। मैं पर्यावरण के लिये पिछले 20 सालों से काम कर रही हूं और मैं जबतक हो सके ऐसा करती रहूंगी, क्योंकि अपने देश के भविष्य के लिए काम करने में मुझे अत्यंत संतुष्टि मिलती है।”