कोलकाता, 18 जनवरी (आईएएनएस)। इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज टेनिस खिलाड़ी टिम हेनमैन ने रविवार को कहा कि ‘रोड टू विंबलडन’ को कोलकाता संस्करण सरीखे जमीन से जुड़ी टेनिस प्रतियोगिताओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है, ताकि ग्रास कोर्ट टेनिस का खात्मा होने से बचाया जा सके।
चौथी विश्व वरीयता पर रह चुके हेनमैन ने कहा, “भारत में जमीनी स्तर की टेनिस प्रतियोगिताओं और टेनिस के लिए ग्रास कोर्ट विकसित करने की जरूरत है। यहां के कोर्ट्स अच्छी गुणवत्ता वाले हैं, जिन पर खेलना सुखद है तथा युवा खिलाड़ियों को ग्रास कोर्ट पर अपनै कौशल में निखार लाने में सहायक हैं। लेकिन आपको अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए हर तरह के कोर्ट पर खेलना होता है।”
हेनमैन का मानना है कि मूलभूत बातों को जेहन में रखने वाला और उनका पालन करने वाला खिलाड़ी निश्चित ही भविष्य में आगे जाएगा।
भारतीय और यूरोपीय टेनिस में अंतर के बारे में पूछे जाने पर हेनमैन ने कहा कि यूरोपीय खिलाड़ियों की शारीरिक बनावट मूल अंतर पैदा करती है।
हेनमैन ने कहा, “यहां खिलाड़ी मूलत: हाथ के कौशल पर निर्भर करते हैं और स्वाभाविक टेनिस खेलते हैं। लेकिन उन्हें अपनी शारीरिक क्षमताओं पर काम करना चाहिए, क्योंकि उन्हें विदेश यात्राएं करनी पड़ती हैं और बिल्कुल अलग पर्यावरण में खेलने पड़ता है। तभी जाकर भारतीय खिलाड़ी अपने यूरोपीय साथियों की बराबरी कर सकते हैं।”
विंबलडन में चार बार सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाले हेनमैन ने कहा कि भारतीय खिलाड़ी युगल स्पर्धाओं में पिछले कई वर्षो से अच्छा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब अधिक परिणाम लाने पर ध्यान देना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।