नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। धनशोधन और कालाधन के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को वकील गौतम खेतान, उनकी पत्नी व दो कंपनियों को समन भेजा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कालाधन (गुप्त विदेशी आय व परिसंपत्ति) रखने और आयकर कानून 2015 के आरोपण के तहत आयकर विभाग द्वारा दर्ज एक मुकदमे के आधार पर गौतम खेतान और अन्य के खिलाफ दर्ज धनशोधन के मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया।
गौतम खेतान इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। आयकर विभाग द्वारा दिल्ली और एनसीआर में खेतान केदफ्तरों और अन्य जायदादों की तलाशी लेने के एक सप्ताह बाद उनको गिरफ्तार किया गया था।
ईडी के आरोप-पत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने खेतान की पत्नी रीतू खेतान व अन्य दो कंपनियों इस्मैक्स और विंडफोर को मामले में बतौर आरोपी चार मई को अदालत में दाखिल होने को कहा है। कंपनी का प्रतिनिधित्व उनके अधिकृत प्रतिनिधि करेंगे।
ईडी ने कहा कि गौतम खेतान कार्यप्रणाली का नियंत्रण कर रहे थे और उन पर धन भेजने की जिम्मेदारी थी। एजेंसी के अनुसार, उन्होंने दुबई, मॉरीशस, सिंगापुर, ट्यूनीशिया, स्विटजरलैंड, यूके और भारत स्थित कई खातों के जरिए धनशोधन के लिए अपने संपर्क व ग्राहकों का दुरुपयोग किया।
ईडी के अधिकारियों ने कहा कि खातों में भारत के बाहर स्थित उनकी गुप्त फर्जी कंपनियों के खाते शामिल हैं।
गौतम खेतान को पहले अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर सितंबर 2014 में गिरफ्तार किया गया था।
उनको जनवरी, 2015 में जमानत मिल गई। इसके बाद उनको मामले में एक अन्य आरोपी संजीव त्यागी के साथ नौ दिसंबर, 2016 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया। बाद में उनको जमानत मिल गई। सीबीआई के आरोपपत्र में गौतम खन्ना को अगस्तावेस्टलैंड के पीछे काम करने वाला मस्तिष्क बताया गया है।