पणजी, 6 अगस्त (आईएएनएस)। गोवा के चर्चित लुई बर्जर रिश्वतखोरी मामले में पूर्व लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री चर्चिल अलेमाओ को बुधवार को गिरफ्तार किया गया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पहले ही अंतरित जमानत हासिल कर चुके हैं।
भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद अलेमाओ लुई बर्जर मामले में गिरफ्तार होने वाले राज्य के पहले राजनीतिज्ञ बन गए हैं।
आशंका जताई जा रही है कि अलेमाओ की गिरफ्तारी पर गोवा विधानसभा के मानूसन सत्र में भारी हंगामा हो सकता है। अलेमाओ और कामत का नाम लुई बर्जर मामले में जुड़ने के बाद कांग्रेस पहले ही राज्य विधानसभा में बचाव की मुद्रा में आ चुकी है।
पुलिस का दावा है कि अलेमाओ उन लोगों में शामिल हैं, जिनको 2010 में लुई बर्जर के अधिकारियों ने गोवा में जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) के सहयोग से प्रस्तावित 1,031 करोड़ रुपये की लागत वाले जल एवं सीवेज प्रबंधन परियोजना का ठेका अपने नाम करने के लिए 976,630 डॉलर की रिश्वत दी थी।
पुलिस की अपराध शाखा इस मामले में पहले ही दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें जेआईसीए वित्तपोषित परियोजना के निदेशक आनंद वाचसुंदर और लुई बर्जर के प्रमुख सत्यकाम मोहंती शामिल हैं।
वहीं, पुलिस सूत्रों का दावा है कि कामत की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस शिकंजा कस सकती है।
पुलिस की अपराध शाखा के जांच दल में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया, “हमने कामत और अलेमाओं के खिलाफ सबूत जुटा लिए हैं। हमने लुई बर्जर के अधिकारियों से निकलवाई गई जानकारियों और सबूतों के आधार पर अलेमाओं को गिरफ्तार किया है।”
अमेरिका के न्यू जर्सी जिले की एक अदालत ने पिछले महीने लुई बर्जर के शीर्ष अधिकारियों को भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया और कुवैत में विभिन्न परियोजनाओं का ठेका हासिल करने के लिए रिश्वत के रूप में 39 लाख डॉलर देने का दोषी ठहराया था।
उधर, कामत का दावा है कि राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा उन्हें जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “यदि वे (सरकार) चयनात्मक प्रतिशोध के प्रयासों में जुटी है, तो यह गोवा के लिए खतराक है।”