लखनऊ, 15 नवंबर– राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को श्रद्धांजलि देने वालों को देश के गद्दार करार देते हुए जनहित संघर्ष मोर्चा ने उत्तर प्रदेश की राजधानी में रविवार को जोपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर पुतला फूंककर आक्रोश प्रकट किया। मोर्चा के अध्यक्ष हाजी मो. फहीम सिद्दीकी ने कहा कि नाथूराम गोडसे के समर्थक देशभक्त नहीं हो सकते, वे देश के गद्दार हैं।
उन्होंने कहा, “मूर्खता और कुंठित मानसिकता के चलते स्वतंत्रता के बाद भारत का सबसे पहला खलनायक, जिसने गांधी जी की हत्या की थी उसे नायक बनाने की कुचेष्टा की जा रही है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हम भारतवासी इसकी निंदा करते हैं।”
हाजी ने कहा, “मोदी सरकार से हमारी मांग है कि वह ऐसे असामाजिक तत्वों पर रोक लगाकर देश का विनाश होने से बचाए।”
विरोध प्रदर्शन में मौजूद राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन के पी.सी. कुरील ने कहा कि भारत में मात्र 2 प्रतिशत लोग देश के 98 प्रतिशत नागरिकों पर अपनी विचारधारा थोपकर सांप्रदायिकता का जहर फैला रहे हैं तथा देश की सहिष्णुता को चुनौती दे रहे हैं लेकिन आज तक ऐसे लोगों के विरुद्ध कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ऐसी घटनाओं पर मौन साधकर सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा, “यही कारण है कि आज देश में इस प्रकार की आतंकवादी शक्तियां गांधीजी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के नाम पर पूरे देश में जगह-जगह मंदिर बनाना चाहते हैं। भाजपा के सांसद साक्षी महाराज ने संसद के सामने पत्रकारों से कहा था कि गोडसे उनके लिए पूजनीय हैं। बाद में थू-थू होने पर उन्होंने माफी मांगी, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।” कुरील ने कहा कि मोदी सरकार का ‘दोहरा चेहरा’ ही उसे ले डूबेगा।