नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। ग्रीनपीस इंडिया ने सरकार के आरोपों का शनिवार को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि आदेश को अदालत में न केवल चुनौती दिया जाएगा, बल्कि अभियान निडरता के साथ जारी रहेगा।
सरकार ने गुरुवार को ग्रीनपीस का लाइसेंस अस्थायी तौर पर रद्द करने की घोषणा की थी और उसे विदेशों से मिलने वाले अनुदान पर रोक लगा दी थी।
गृह मंत्रालय ने ग्रीन पीस का लाइसेंस छह महीनों के लिए रद्द करते हुए उसके सभी सात बैंक खातों को जब्त कर दिया था और उसे जारी की गई नोटिस में उससे पूछा था कि उसका लाइसेंस क्यों नहीं रद्द कर देना चाहिए।
ग्रीनपीस ने शनिवार को कहा, “इसका (बैंक खातों को फ्रीज करने) मतलब विदेशों से वर्तमान में ग्रीनपीस इंडिया फंड प्राप्त नहीं कर सकता। इसका मतलब यह नहीं है कि ग्रीनपीस इंडिया बंद हो गया है या बंद हो जाएगा। ग्रीनपीस इंडिया को लगभग 70 फीसदी फंड घरेलू दानकर्ताओं से मिलता है और उसी फंड से काम जारी रहेगा। इसके अलावा, विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के निलंबन के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।”
संस्था ने कहा, “सरकार सभ्य नागरिक समाज में असहमति व्यक्त करने वाली आवाज को दबाने के लिए एक मजबूत रणनीति का प्रयोग कर रही है। हम अपने रुख पर अदालत में एक से अधिक बार दोषमुक्त साबित हुए हैं। वस्तुत: दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रिया पिल्लई मामले में गृह मंत्रालय की कार्रवाई को एकपक्षीय और ग्रीनपीस इंडिया के खिलाफ आरोपों को गलत करार दिया था।”
संस्था ने कहा, “हम केवल गृह मंत्रालय को ही अदालत में चुनौती नहीं देंगे, बल्कि जिस मुद्दे पर हम काम कर रहे हैं उसे निडर होकर जारी भी रखेंगे”
वहीं, चैनल-4 (ब्रिटेन) ने शनिवार को गृह मंत्रालय के उन आरोपों को सिरे से नकार दिया है, जिसमें कहा गया था कि चैनल-4 को मध्य प्रदेश के महान में चल रहे आंदोलन पर डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए ग्रीनपीस ने पैसा दिया था।
संस्था के बयान में कहा गया है, “गृह मंत्रालय की रपट में मौजूद यह भी एक झूठ है। ग्रीनपीस को भेजे जवाब में चैनल-4 के कार्यक्रम निदेशक ह्यूगो वार्ड ने इन आरोपों से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि अनरिपोर्टेड वल्र्ड पूरी तरह से चैनल-4 द्वारा वित्तपोषित बहुप्रशंसित टीवी श्रृंखला है। यह आरोप गलत है कि पिछले साल हमारी टीम द्वारा की गई मध्यप्रदेश की यात्रा ग्रीनपीस द्वारा वित्त पोषित है।”
उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री में भारत सरकार द्वारा व्यापक विद्युतीकरण योजना के सहारे देश के विकास करने की योजना के प्रभाव को खोजने का संतुलित प्रयास किया गया है। इसमें महान कोल निगम के सीईओ रमाकांत तिवारी, ग्रीनपीस कार्यकर्ता और स्थानीय ग्रामीणों के साक्षात्कार शामिल किए गए हैं। इन ग्रामीणों में कई ऐसे हैं, जिनके घर हाल ही में बिजली पहुंची थी।
ह्यूगो वार्ड ने कहा, “यह डॉक्यूमेंट्री ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध है और हम लोगों से आग्रह करते हैं कि वे इस मुद्दे पर अपनी राय बनाने से पहले एक बार इस डॉक्यूमेंट्री को जरूर देखें।”