नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी को एक स्थानीय अदालत ने यहां सोमवार को सीबीआई की हिरासत में 20 मई तक भेज दिया। एजेंसी ने भ्रष्टाचार के आरोपों में इस अधिकारी को नोटिस भेजा था, जिसके बाद वह लापता हो गया था।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश विनोद कुमार ने मंत्रालय के अवर सचिव आनंद जोशी को चार दिनों के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई ने जोशी को रविवार को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने इस महीने की शुरुआत में जोशी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था और पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा था। इसके बाद जोशी लापता हो गए थे।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने पहले बताया कि जोशी को हाल ही में विदेश प्रभाग में नियुक्त किया गया था और उनकी पहुंच विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) संबंधित फाइलों तक थी। उन पर कई महीनों से नजर रखी जा रही थी।
इस बात की पुष्टि होने पर कि जोशी ने रिश्वत लेकर कई एनजीओ की मदद की, उनके खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया।
जोशी को इसके अलावा कई गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाया गया। उसने एफसीआरए के अंतर्गत पंजीकृत कई सारे एनजीओ (जिन्हें विदेशों से काफी वित्त प्राप्त होता था) और सोसाइटीज को मनमाने ढंग से नोटिस जारी किया था।
बताया जा रहा है कि जोशी ने इनमें से कुछ संगठनों से रिश्वत मांगी थी और रिश्वत ली थी। जोशी पर तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट से संबंधित फाइलों को भी मंत्रालय से गायब करने का आरोप है। ये फाइलें बाद में अधिकारी के पास बरामद हुईं और उन्हें वापस अपनी जगह पर रखा गया।
सीबीआई ने जोशी के घर और दफ्तर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें गृह मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय की फाइलें शामिल हैं।