नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम रूप जहां प्रगति पर है, वहीं गृह मंत्रालय अवैध आव्रजकों को देश से निर्वासित करने के लिए इसे देशभर में लागू करने के लिए काम कर रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा 30 मई को विदेशी (अधिकरण) आदेश, 1964 में संशोधन जारी किए जाने से एनआरसी को और व्यापक करने का मार्ग खुल रहा है।
संशोधित आदेश राज्य सरकारों तथा यहां तक कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिला अधिकारियों को भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान करने के लिए न्यायाधिकरण गठित करने की शक्ति प्रदान करता है।
अब तक ऐसा न्यायाधिकरण गठित करने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास था। ये न्यायाधिकरण असम में अर्धन्यायिक निकाय हैं।
सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में एनआरसी प्रक्रिया देश में सबसे ज्यादा बारीकी से देखी जाने वाली प्रक्रियाओं में से है क्योंकि इसकी अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद लाखों लोग देश के नागरिक नहीं रहेंगे।
एनआरसी को सिर्फ असम नहीं बल्कि राष्ट्रव्यापी करने पर जोर देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि भारत में रह रहे सभी अवैध शरणार्थी अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार निर्वासित कर दिए जाएं।
शाह ने सदन में कहा, “सरकार देश के हर हिस्से से अवैध आव्रजकों को निर्वासित करेगी।”