स्थानीय हुर्रियत के मुताबिक, अगर गुलेन का प्रत्यर्पण नहीं किया गया, तो वाशिंगटन व अंकारा के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
तुर्की ने गुलेन के प्रत्यर्पण के लिए 19 जुलाई को वाशिंगटन को चार डोजियर भेजे थे।
मंत्री ने संसद में यह भी कहा कि अमेरिका की मंजूरी के बिना गुलेन दूसरे देश नहीं जा सकता है।
तुर्की की सरकार के मुताबिक, फतेउल्लाह टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन (एफईटीओ) का प्रमुख, गुलेन वर्ष 1999 से ही पेंसिलवेनिया में रह रहा है।