उज्जैन– जहाँ भारतीय जलवायु में जीवन जीने वालों का 35 डिग्री के तापमान में जहाँ शारीरिक श्रम दूभर हो जाता है वहीं ठंडी जलवायु से आये हुए सर्गेई अपनी 15 सदस्यीय टीम के साथ पायलट बाबा के सिंहस्थ कैम्प में आधुनिक संचार-प्रणाली क का शिविर स्थापित करने हेतु जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं . नंगे बदन,चिलचिलाती धूप में यह श्रद्धालू कड़ी मेहनत कर रहा है.जब हम उस गर्म दोपहरी में पायलट बाबा के शिविर के बगल से गुजरे तो सर्गेई को कार्य करते देख ठहर गए.इतने ज्यादा तापमान में शीत जलवायु में रहने वाले इस युवक की जीवटता में हमें उनसे बात करने पर मजबूर कर दिया.
जब हमने सर्गेई से बात की तो वे सहज मुस्कराहट से बोले की हम गुरु जी के कैम्प में सिंहस्थ मेला करने आये हैं और वे सब कार्य करेंगे जो इस कैम्प के लिए जरूरी हैं.ठंडी जलवायु में रहने और यहाँ इस भीषण गर्मी में कार्य कार्य करने पर क्या अंतर महसूस होता है पर उन्होंने कहा की तकलीफ तो बहुत होती है लेकिन गुरु के प्रति श्रद्धा किसी भी स्थिति से जूझने की प्रेरणा देती है.