गोरखपुर – गीताप्रेस ने भी अपनी परंपरा तोड़ते हुए सरकार के सम्मान में पुरस्कार स्वीकार किया. पीएम ने गीता प्रेस पहुंचकर एक नई परंपरा की शुरुआत की. इससे पहले गीताप्रेस में दो राष्ट्रपति पधार चुके हैं. देश के पहले डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 29 अप्रैल 1955 को गीता द्वार व लीला चित्र मंदिर का उद्घाटन किया था. 14वें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद चार जून 2022 को गीताप्रेस शताब्दी वर्ष महोत्सव के उद्घाटन समारोह में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए थे.
पीएम मोदी ने वंदे भारत को हरी झंडी दिखाने के साथ गोरखपुर जंक्शन के री-डेवलपमेंट की नींव रखी. 21 अप्रैल, 1973 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से समस्तीपुर 587 किमी मार्ग (रूट) के आमान परिवर्तन (छोटी से बड़ी लाइन) की आधारशिला रखने गोरखपुर जंक्शन आई थीं. वर्ष 1981 के बाद एनई रेलवे के मुख्यमार्ग बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा-समस्तीपुर बड़ी रेल लाइन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया. गोरखपुर भी देश के महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के गोरखपुर आने के 50 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने री-डेवलपमेंट की आधारशिला रख एनई रेलवे के विकास की गति का मार्ग प्रशस्त किया. गोरखपुर जंक्शन 693 करोड़ रुपए से सिटी सेंटर के रूप में विकसित होगा, जहां रेल यात्री ही नहीं आमजन के लिए भी उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी.