अगरतला, 28 मई (आईएएनएस)। राजनयिक पासपोर्ट्स के साथ पिछले रविवार को गिरफ्तार तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों ने अभी अपने उस दावे का कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे भारत के रास्ते तुर्की जा रहे थे। पुलिस ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी।
पुलिस ने इस आशंका से इनकार नहीं किया है कि उनकी इस यात्रा का मकसद आतंक से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्तता हो सकती है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “बांग्लादेशी अधिकारियों का भारत में अवैध रास्ते से प्रवेश रहस्यमय है। हो सकता है कि ये तुर्की या किसी अन्य मुस्लिम देश में जाकर आतंकी गुट में शामिल होने की योजना बना रहे हों। हम इसके सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।”
अधिकारी ने कहा, “गिरफ्तार लोगों को सिपाहीजाला जिले के सोनामुरा जेल में रखा गया है। ये 22 मई को गिरफ्तार किए गए थे। पुलिस एवं खुफिया अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।”
अधिकारी ने कहा, “अभी वे विश्वसनीय तथ्य पेश नहीं कर पाए हैं।”
बड़ी मात्रा में सामान के अलावा इनके पास से 2300 अमेरिकी डॉलर (1 लाख 54 हजार रुपये) के अलावा बड़ी मात्रा में तुर्की और भारत की मुद्रा बरामद हुई है।
अधिकारी ने कहा, “गिरफ्तार लोगों की उम्र 28 से 38 साल के बीच है। बांग्लादेश के कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इनकी पहचान सत्यापित की है।”
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश ने अपने नागरिकों को अनधिकृत मार्गो से विदेश जाने पर कड़ी कार्रवाई की है, जिसके बाद बांग्लादेशी विभिन्न कारणों से दूसरे देशों में जाने के लिए भारत के पूर्वोत्तर हिस्से या म्यांमार के वैकल्पिक मार्ग का सहारा ले रहे हैं।”
सिपाहीजाला जिले के पुलिस प्रमुख, प्रदीप डे ने आईएएनएस से कहा, “मामला बहुत गंभीर है। इसकी अभी गहराई से तहकीकात की जा रही है। जांच के बीच में हम अभी कोई खुलासा नहीं करेंगे।”
गत मार्च में त्रिपुरा में घुसने के बाद पुलिस ने दो चरणों में महिलाओं एवं बच्चों सहित 58 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था।
त्रिपुरा की 856 किलोमीटर सीमा बांग्लादेश से लगी हुई है। अधिकांश सीमाई इलाका पर्वतीय एवं जल क्षेत्र है।