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 गाय,गंगा और हिंदुत्व :उमा भारती का संकल्प या राजनैतिक ढकोसला | dharmpath.com

Saturday , 19 April 2025

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गाय,गंगा और हिंदुत्व :उमा भारती का संकल्प या राजनैतिक ढकोसला

DE04_PAGE_3_GIL_DE_1447666fअनिल सिंह (भोपाल)— उमा भारती जी का वह इंटरव्यू जो उन्होंने नहीं कभी दिया ही नहीं,जी हाँ आपको आश्चर्य अवश्य होगा लेकिन यह सत्य है।उमा भारती जी को जो धर्म/आध्यात्म का चोला ओढ़कर समाज की अगुआई करती हैं,गाय ,गंगा और हिंदुत्व का आधार ले कर अपनी राजनीति चमकाने,लोगों के मन में अपने प्रति भावुकता उत्पन्न करने की जो कूटनीतिक चालाकी वे कर रही हैं उसी गाय,गंगा और हिंदुत्व के विषय पर उनके विचार समाज के सामने प्रस्तुत करने का विचार हमने किया परन्तु यह विषय जो वे गरज कर उठाती हैं मात्र एक ढकोसला सिद्ध हुआ।
उमा भारती ने भावुक विषयों को जनता के समक्ष प्रस्तुत कर उसके द्वारा अपने पक्ष में माहौल उत्पन्न करने का जो षड्यंत्र रचा है वह उनकी समयकालीन राजनीति का बढ़िया उदाहरण है।
चैत्र नवरात्रि से हम उनसे समय मांग रहे हैं
धर्म/आध्यात्म पर उन्हें भाषण देते हुए देखते हमने यह विचार किया की इस सम्बन्ध में उनके विचारों को समाज के हित के लिए प्रस्तुत किया जाय लेकिन उन्होंने कभी समय देना उचित नहीं समझा।हम कई बार उनके निवास पर उनके सचिवों को,उनके मध्यस्थों को ,मीडिया संपर्कों को जिन्हें उनका निवास कार्यालय बताता रहा हम संपर्क करते रहे लेकिन आज की तारीख 15 अगस्त तक कुछ नहीं हुआ,कभी समय ही नहीं मिला क्योंकि हम राजनीति नहीं आध्यात्म पर इंटरव्यू चाह रहे थे।
हम समय मांगते रहे और वे चुन-चुन कर अपने इंटरव्यू राजनीतिक विषयों पर देती रहीं।
हम अब तक इनका जो स्वरुप देखते रहे उससे प्रभावित हो हमने भी इनके विचार समाज के भले के लिए जानने और प्रकाशित करने के लिए संकल्प किया परन्तु निराश ही हाथ लगी और आज तक संपर्क नहीं हुआ न ही कोई उत्तर उनके कार्यालय से आया ,परन्तु राजनीतिक ग्राफ को बढाने हेतु वे मीडिया चैनलों को अपने इंटरव्यू देती रहीं।
धर्म का आवरण ओढ़ रखा है राजनीति करने हेतु
हमें यह एहसास हो गया की इस विषय पर उमा जी की रुचि नहीं है मात्र राजनीतिक हथियार के रूप में इसे वे इस्तेमाल करती हैं ,अन्य बयानबाज नेताओं की लाइन में इन छह महीनों की पड़ताल के बाद हमने इन्हें भी खड़ा पाया।
गाय,गंगा और हिंदुत्व के लिए मात्र बयानबाजी के सिवाय क्या किया
कुछ गाय घर में पाल लेने और सुबह कभी 2 अपने हाथों से मीडिया के सामने उन्हें रोटी खिलाने मात्र से सम्पूर्ण गाय कुटुंब की सेवा हो जाती है,आज भी उनके निवास भोपाल में ही गाय वंश का अवैध परिवहन जारी है ,गौ सेवा आयोग की स्थिति दयनीय है ,सरकारी खर्चे पर मात्र अपनी पाली गायों की सेवा यदि गौ सेवा है तब हम उसे मान ही लेते हैं।
गंगा के लिए भी उनकी स्थिति यही है
गंगा का प्रदूषण आज भी उसी स्थिति में है जो दशकों पहले थी,हाँ बयानबाजी और सरकारी पैसों के खर्च जरूर बढ़ गए हैं,इनकी आड़ में कई संगठनों ने जनता के पैसों की बंदरबांट लगा रखी है।
हिंदुत्व के लिए मात्र यात्रा हो रही है
हिन्दुओं की स्थिति उन इलाकों में जहाँ मुस्लिम बहुलता है दयनीय एवं असुरक्षित है ,उमा जी क्या कर रही हैं मात्र बयानबाजी के ,हाँ बयानों द्वारा मात्र जनभावनाओं को उत्तेजित करने के सिवाय उन्होंने क्या किया ,इसका उत्तर देने हेतु वे उपलब्ध नहीं हैं।
उमा जी को गाय,गंगा और हिंदुत्व के लिए क्या राजनाथ सिंह के निर्देशों की जरूरत है
उमा जी क्या राजनीति का ककहरा राजनाथ सिंह से सीखीं हैं,ये अपने आप के लिए जी रही हैं या समाज के लिए यह समाज को जानना आवश्यक है।इनका बार-बार बयान आता है कि राजनाथ सिंह के निर्देशों के अनुसार ये आगे कार्य करेंगी क्या उमा भारती अपने को इतना बेचारा महसूस कर रही हैं,इनके लिए समाज जरूरी है या राजनैतिक पद ?

बदलती रहती हैं प्राथमिकताएं,कभी गाय,गरीब और स्त्री कभी गाय,गंगा और हिंदुत्व
उमा जी कभी अपनी प्राथमिकताओं के प्रति ईमानदार नहीं रहीं,सन 2011 में गाय,गरीब और स्त्री के नारे पर ये अडिग थीं लेकिन स्थिति तीनों की वैसी ही रही,अब गाय,गंगा और हिंदुत्व पर अटक गयी हैं और इन तीनों की स्थिति और बदतर हो रही है,उमा जी का यह ढकोसला अन्य राजनीतिज्ञों की तरह जन मानस का भावनात्मक सहयोग लेने के सिवाय और कुछ भी नहीं होता है,कार्यवाही के मामले में फुस्सी बम।

 

गाय,गंगा और हिंदुत्व :उमा भारती का संकल्प या राजनैतिक ढकोसला Reviewed by on . अनिल सिंह (भोपाल)--- उमा भारती जी का वह इंटरव्यू जो उन्होंने नहीं कभी दिया ही नहीं,जी हाँ आपको आश्चर्य अवश्य होगा लेकिन यह सत्य है।उमा भारती जी को जो धर्म/आध्या अनिल सिंह (भोपाल)--- उमा भारती जी का वह इंटरव्यू जो उन्होंने नहीं कभी दिया ही नहीं,जी हाँ आपको आश्चर्य अवश्य होगा लेकिन यह सत्य है।उमा भारती जी को जो धर्म/आध्या Rating:
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