भोपाल, 29 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आईएमटी के लिए जमीन आवंटन रद्द किए जाने और निर्माण कार्य पर सवाल उठाए जाने के मामले को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को राजनीति से प्रेरित बताया है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में परिजनों के आईटीएम संस्थान के जमीन आवंटन को लेकर बुधवार को पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, “जहां तक मुझे जानकारी है, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने कोई नोटिस नहीं दिया है। उन्होंने तो स्वीकृति दी है। वहां कोई भी निर्माण जेएडी की अनुमति के बगैर नहीं होता, बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति होती है। उन्होंने तो निर्माण की स्वीकृति दी है।”
कमलनाथ ने आगे कहा, “बिना गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। अगर किसी तरह की गड़बड़ी होती तो क्या वे अनुमति देते। यह सब निर्माण कार्य 30-35 साल पहले के हैं। ये कोई छिपी चीज तो है नहीं। किसी ने अतिक्रमण करके तो बनाया नहीं है। यह सब राजनीतिक प्रयास है। इसका जवाब न्यायालय में आएगा।”
वहीं आयकर विभाग के छापों में कथित तौर पर करीबियों के यहां से दस्तावेज मिलने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा, “विभिन्न समाचार माध्यम कागज तो दिखा रहे हैं, मगर यह नहीं बता रहे कि ये कागज किसके हैं। संबंधित व्यक्ति का कमलनाथ से क्या संबंध था, वह नहीं बताते। इस मामले में जो कानूनी कार्रवाई होती है हो।”
ज्ञात हो कि राज्य में लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग ने कमलनाथ के करीबियों सहित कई अन्य लोगों के यहां छापे मारे थे। इन छापों में 281 करोड़ रुपये के लेन-देन के कागजात मिले थे। भाजपा लगातार यह आरोप लगा रही है कि जिन लोगों के यहां करोड़ों रुपये के लेनदेन के कागजात मिले हैं, उनका कमलनाथ से नाता है। जबकि कांग्रेस एक गैर सरकारी संगठन के प्रमुख को भाजपा से जुड़ा बता रही है। उस एनजीओ प्रमुख ने भी स्वयं को भाजपा के नेताओं का करीबी बताया था।