कोलकाता, 10 जून (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर की फटकार भी उच्च न्यायालय के वकीलों को काम पर लौटाने में कमतर साबित हुई। कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील गर्म और आद्र्र मौसम का हवाला देते हुए काम से नदारद रहे। वकीलों के काम से दूर रहने के कारण वादियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जब न्यायालय खुला हो और न्यायाधीश भी काम पर मौजूद हों, लेकिन वकील काम से नदारद रहें तो इस स्थिति में न्यायालय में कोई कामकाज नहीं होता। आज (बुधवार) गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कई नेताओं की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी जिसे टाल दिया गया।
आल इंडिया गोरखा लीग प्रेसीडेंट मदन तमांग की हत्या के मामले में एक अदालत ने जीजेएम प्रमुख विमल गुरुं ग समेत इसके 23 नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
बार संघ ने मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश को एक प्रस्ताव सौंपा था, जिसमें गर्मी के कारण 13 जून तक अदालत के काम को स्थगित करने की बात कही गई थी, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों को फटकार लगाई थी। मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों के फैसले से असंतोष जाहिर किया और इसे दुखदाई और परेशान करने वाला बताया।
बार संघ द्वारा कामकाज स्थगित करने का प्रस्ताव सौंपने के बाद मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “यह बचाकाना फैसला है। वकील स्कूली बच्चों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। यह ठीक वैसा ही है जैसे स्कूल के बच्चे अध्यापक से गर्मी के कारण छुट्टी देने के लिए कह रहे हों।”