पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना मंजूर, आईसीडीएस योजना का पुनर्गठन, चिकित्सकों को चार स्तरीय वेतनमान, 20 विकासखण्ड में कौशल विकास केन्द्र खुलेंगे
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में बीपीएल घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के 30 जून 2013 की स्थिति में बिजली के बिलों की बकाया राशि माफ करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के फलस्वरूप राज्य शासन पर 225 करोड़ रुपये का व्यय भार आयेगा। विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा सरचार्ज तथा मूल बकाया राशि में से 50 प्रतिशत राशि माफ करने पर शेष 50 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में राज्य शासन द्वारा उन्हें दी जायेगी।
विद्युत वितरण कम्पनियों की बिलिंग प्रणाली में जो उपभोक्ता बीपीएल श्रेणी में चिन्हित नहीं हैं, उनके द्वारा बिजली बिलों के साथ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों (अंत्योदय परिवारों सहित) के लिए जारी राशन कार्ड प्रस्तुत करने पर उन्हें इस योजना का लाभ मिल सकेगा। कुल बकाया राशि 564 करोड़ 68 लाख रुपये है। इसमें से 114 करोड़ 93 लाख रुपये सरचार्ज निकालकर 449 करोड़ 75 लाख रुपये मूल बकाया रहेगा। इसमें से 225 करोड़ रुपये का व्यय राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा।
पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
मंत्रि-परिषद् ने पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लागू करने का निर्णय लिया। यह योजना केवल राज्य में सेवारत पुलिस कर्मियों पर लागू होगी। मध्यप्रदेश पुलिस में कार्य कर रहे सभी श्रेणी के सेवारत पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी इसके सदस्य बनने के पात्र होंगे। योजना भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों पर लागू नहीं होगी। योजना का संचालन एक पंजीकृत न्यास द्वारा किया जायेगा, जिसकी राज्य स्तरीय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पुलिस महानिदेशक होंगे। योजना के लिए प्रथम वर्ष में 5 करोड़ 60 लाख रुपये तथा इसके बाद प्रति वर्ष 4 करोड़ रुपये का प्रावधान होगा।
योजना में शामिल होने वाले प्रत्येक सदस्य से 100 रुपये प्रवेश शुल्क एवं 50 रुपये प्रतिमाह अंशदान लिया जायेगा। सदस्य, उसके पति/पत्नी तथा आश्रित व्यक्ति को एक वित्तीय वर्ष में 8 लाख रुपये तक के इलाज की पात्रता होगी। प्रदेश के अंदर तथा बाहर स्थित राज्य शासन के मान्यता प्राप्त अस्पतालों में उपचार की सुविधा रहेगी। इकाई प्रमुख के द्वारा योजना के सदस्य को जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के परामर्श पर प्रदेश के अंदर तथा बाहर स्थित अस्पताल में उपचार के लिए रेफर किया जा सकेगा।
आईसीडीएस योजना का पुनर्गठन
मंत्रि-परिषद् ने आईसीडीएस योजना के पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में इसे मिशन मोड में संचालित करने का निर्णय लिया। प्रथम चरण वर्ष 2012-13 में इसमें 30 अति संवेदनशील जिले शामिल किए जायेंगे। इनमें इंदौर, बड़वानी, खण्डवा, झाबुआ, खरगोन, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, देवास, नीमच, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, गुना, शिवपुरी, दतिया, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, डिंडोरी, सीधी, उमरिया, दमोह, पन्ना और टीकमगढ़ शामिल हैं। शेष बचे 20 जिले वित्तीय वर्ष 2014-15 में सम्मिलित किये जायेंगे।
आँगनवाड़ी केन्द्र को आकर्षक रूप में विकसित करने के साथ-साथ इनके संचालन में समुदाय एवं माता-पिता की भागीदारी के लिए हर माह शाला पूर्व दिवस मनाया जायेगा। पाँच वर्ष में लगभग 8000 आँगनवाड़ी भवन का निर्माण किया जायेगा। साथ ही बढ़ी हुई दर से गुणवत्तापूर्ण पोषण आहार उपलब्ध करवाया जायेगा। मिशन के सुचारु संचालन के लिए राज्य-स्तर पर 6, जिला-स्तर पर 100 तथा परियोजना-स्तर पर 453 पद की मंजूरी दी गई।
चिकित्सकों को चार स्तरीय वेतनमान
मंत्रि-परिषद् ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्यरत चिकित्सा अधिकारी, दंत शल्य चिकित्सक तथा विशेषज्ञ संवर्ग के अधिकारियों के लिए चार स्तरीय वेतनमान मंजूर किया। इससे चिकित्सकों को दिये जा रहे वेतनमान के लाभ में आ रही विसंगतियाँ दूर हो गई हैं।
उच्च वेतनमान की स्वीकृति के लिए 6 वर्ष, 12 वर्ष और 18 वर्ष की अवधि की गणना संवर्ग में नियुक्ति की दिनांक से की जायेगी। सेवा अवधि के आधार पर पात्रता अनुसार संबंधित वेतनमान 28 अगस्त 2008 की स्थिति में स्वीकृत कर वेतन नियतन किया जायेगा। विभागीय आदेश दिनांक 30 मई 2012 द्वारा जारी किए गए अन्य प्रावधान यथावत लागू रहेंगे। दिनांक 23 मई 2009 के विभागीय आदेश के तारतम्य में चिकित्सकों को अधिक भुगतान की गई वेतन भत्ते की राशि की वसूली छठवें वेतनमान के एरियर से की जायेगी। इस समायोजन के बाद यदि अंतर की कोई राशि लंबित रहती है, तो उसकी वसूली संबंधित चिकित्सक को देय चिकित्सा सेवा भत्ते से की जा सकेगी।
कौशल विकास केन्द्र
मंत्रि-परिषद् ने 15 जिले के 20 विकासखण्ड में कौशल विकास केन्द्र की स्थापना को मंजूरी दी। इनमें लगभग 6000 व्यक्ति प्रतिवर्ष प्रशिक्षित होंगे। यह कौशल विकास केन्द्र अशोकनगर जिले के चंदेरी, बालाघाट के वारासिवनी और कटंगी, डिंडोरी के समनापुर, हरदा के खिरकिया, कटनी के रीठी, सीहोर के आष्टा, शाजापुर के कालापीपल, दमोह के पथरिया और बटियागढ़, टीकमगढ़ के निवाड़ी, दतिया के सेवड़ा, सागर के केसली और बंडा, छतरपुर के गौरीहार, गुना के बमोरी और आरोन, मुरैना के पोरसा तथा जौरा और जबलपुर के सीहोरा में खोले जायेंगे।
बेडमिंटन और टेनिस डे-बोर्डिंग योजना
मंत्रि-परिषद् ने प्रदेश के खिलाड़ियों का खेल कौशल बढ़ाने के लिए आधुनिक पद्धति से प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से बेडमिंटन डे-बोर्डिंग नवीन योजना तथा टेनिस डे-बोर्डिंग नवीन योजना भोपाल में प्रारंभ करने का निर्णय लिया। इनमें प्रतिवर्ष 20-20 बालक-बालिका खिलाड़ी लाभान्वित होंगे। खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ पूरक आहार, खेलवृत्ति, प्लेइंग किट, काम्पटीशन एक्सपोजर तथा इंश्योरेंस आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी।
11 जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र
मंत्रि-परिषद् ने सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को दृष्टि में रखते हुए 11 जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का निर्णय लिया। इनके संचालन के लिए 357 पद सृजित करने की मंजूरी दी गई। यह केन्द्र विदिशा, रायसेन, झाबुआ, मंदसौर, सीधी, राजगढ़, नरसिंहपुर, देवास, सिवनी, सतना तथा दतिया में खोले जायेंगे।
नई तहसील
मंत्रि-परिषद् ने अशोकनगर जिले के नई सराय को तहसील का दर्जा देने का निर्णय लिया। इसमें 29 पटवारी हल्के तथा 72 गाँव शामिल होंगे। नई तहसील के लिए एक तहसीलदार, एक नायब तहसीलदार तथा 11 अन्य नये पद स्वीकृत किए गए।
जेएनएनयूआरएम में 4 शहर को धनराशि
मंत्रि-परिषद् ने जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्युअल मिशन में स्वीकृत परियोजनाओं में निकायों की अंशदान पूर्ति के लिए नगरपालिक निगम भोपाल को 336 करोड़ 93 लाख, नगरपालिक निगम इंदौर को 371 करोड़ 66 लाख, इंदौर विकास प्राधिकरण को 56 करोड़ 5 लाख, नगरपालिक निगम जबलपुर को 308 करोड़ 89 लाख एवं नगरपालिक निगम उज्जैन को 47 करोड़ 47 लाख रुपये के ऋण हडको अथवा वित्त विभाग द्वारा अनुमोदित किसी अन्य वित्तीय संस्थान से प्राप्त करने के लिए प्रत्याभूति देने का निर्णय लिया।
इंजीनियरिंग महाविद्यालय के लिए जमीन
मंत्रि-परिषद् ने विद्यार्थियों को सुलभ एवं सस्ती इंजीनियरिंग शिक्षा उपलब्ध करवाने की दृष्टि से राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की घटक संस्था के रूप में सिरोंज में स्थापित किए जा रहे नवीन इंजीनियरिंग महाविद्यालय के लिए भूमि निःशुल्क आवंटित करने तथा विनिमय विलेख पर स्टाम्प शुल्क तथा पंजीयन प्रभार से छूट देने का निर्णय लिया। इस महाविद्यालय में 4 संकाय होंगे। प्रत्येक में प्रवेश क्षमता 60 होगी।
नवीन पद
मंत्रि-परिषद् ने जनजातीय संग्रहालय के संचालन और प्रशासकीय व्यवस्था के लिए 18 श्रेणी संवर्ग में 38 नये पद के सृजन की मंजूरी दी। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 7 नवीन पद मंजूर किए गए। साथ ही मेडिको लीगल संस्थान भोपाल के 10 पद के प्रवर्तन की स्वीकृति एक मार्च 2013 से 28 फरवरी 2018 तक दिये जाने का निर्णय लिया।
भूमि आवंटन
मंत्रि-परिषद् ने सासन पावर लिमिटेड को कोल कन्वेयर निर्माण के लिए सिंगरौली जिले के ग्राम नौगढ़, अमलोरी, विलोजीभट्टवा, धतुराबरवा, गड़राहाखुर्द तथा हिर्रवाह में 8.52 हेक्टेयर शासकीय भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया।
अन्य निर्णय
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मंत्रि-परिषद् ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में संशोधन का अनुसमर्थन किया। संशोधन के अनुसार उस प्रतिबंध को हटा लिया गया है, जिसमें प्राकृतिक आपदा में परिवार के पशुओं की हानि होने पर केवल एक पशु के लिए ही सहायता दी जाती थी। अब प्राकृतिक आपदा में मरने वाले सभी पशुओं के लिए सहायता दी जायेगी।
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मंत्रि-परिषद् ने सामाजिक न्याय विभाग का नाम बदलकर सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण करने का निर्णय लिया।
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मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भोपाल के लिए राज्य-स्तरीय निर्वाचक नामावली एवं सूचना प्रौद्योगिकी नोडल अधिकारी का एक अस्थाई पद 31 मार्च 2015 तक के लिए स्वीकृत। राज्य-स्तरीय स्वीप नोडल अधिकारी का एक पद भी 31 मार्च 2015 तक के लिए मंजूर।
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आदिम जाति कल्याण विभाग के विभागीय छात्रावास/आश्रमों में पदस्थ संविदा अधीक्षकों को वर्तमान संविदा अवधि समाप्त होने पर नई संविदा अवधि के लिए संविदा वेतन 7000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित करने का निर्णय।