नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य तथा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां अनेकता में एकता है. यहां अनेक मत, पंथ और संप्रदाय को मानने वाले लोग मिल-जुलकर सद्भाव से रहते हैं, जिस तरह बाग़ में भिन्न-भिन्न प्रकार के फूल विविध रंगों और सुगंधों को अपने में समेटे रहते हैं. यही विविधता उनकी विशेषता भी है और शोभा भी है. इन्द्रेश कुमार जी मंच द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय इफ्तार पार्टी के दौरान संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान के अनुसार खुदा को घृणा, कटुता और हिंसा स्वीकार नहीं है. यही कारण है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा है कि दुनिया में कहीं भी घृणा या कटुता नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन में दो तरह के मैल होते हैं, एक बाहर का और एक अन्दर का. बाहर के मैल को साबुन या निरमा से धोया जा सकता है, पर मन के अन्दर का मैल सद्भाव और संस्कारों की शिक्षा के बिना कभी भी नहीं धोया जा सकता. शिक्षा में यदि संस्कार नहीं है, तो उस शिक्षा का कोई अर्थ नहीं. अबकी शिक्षा सिर्फ पैसा कमाना सिखाती है, शिक्षा संस्थानों का उद्देश्य भी शिक्षा प्रदान करने के बजाय व्यापार हो गया है. ऐसे में विद्यार्थी इन्सान की जगह राक्षस ही बनेगा. इसलिए इन्सान बनाने वाली संस्कारक्षम शिक्षा की आज जरुरत है.
इफ्तार पार्टी में केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी, भाजपा सांसद एमजे अकबर और भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के अलावा भाजपा शासित राज्यों के मुस्लिम मंत्रियों के सहित कई मुस्लिम देशों के राजदूत भी शामिल हुए. संगठन ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित की कश्मीर के पंपोर में मुठभेड़ में आठ सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की घटना पर ‘असंवेदनशील’ टिप्पणी के बाद बासित को भेजा न्यौता वापस ले लिया था. इस अवसर पर इंद्रेश कुमार जी ने समान नागरिकता संहिता मुद्दे पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर अभी तक जितने भी मुस्लिम धर्मगुरुओं से चर्चा की, सबने कहा कि ख़ुदा को तलाक नापसंद था. उन्होंने इस मुद्दे पर मुस्लिमों से स्वस्थ बहस करने को कहा. उनके इस सुझाव की मुस्लिम गुरुओं ने प्रशंसा की.
इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि यह मुस्लिमों को तय करना होगा कि उनके लिए अलग कानून अच्छा है. या सबके लिए समान कानून से उनका विकास ज्यादा होगा. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इस इफ्तार पार्टी के लिए पाकिस्तान के निमंत्रण को इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि वहां भारत के खिलाफ माहौल है. पाकिस्तान में पख्तून, बलूच, सिंध, बाल्टिस्तान, गिलगिट और मुजफ्फराबाद से आजादी की मांगें उठ रहीं हैं. वे आपसे अलग होना चाहते हैं. इसलिए पाकिस्तान को उसके अपने देश (पाकिस्तान) से उठ रही आजादी की मांगों के बारे में चिंता करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में अपना हस्तक्षेप बंद करे.
इन्द्रेश कुमार जी ने आशा जताई कि एक ऐसा दिन जरूर आएगा, जब पाकिस्तान की समझ बेहतर होगी और वह घृणा, कटुता और हिंसा फैलाना बंद कर देगा तथा शांति व भाईचारे को गले लगाएगा. वह दिन भी आएगा, जब भारत और दुनिया की मुस्लिम महिलाएं ‘तलाक’ की मुसीबतों से मुक्त होंगी. मैं प्रार्थना करूंगा कि उन सभी देशों की समझ बेहतर हो जो घृणा, कटुता और हिंसा फैलाते हैं. सभी देश समृद्ध हों और अन्य को भी समृद्ध होने में मदद करें. भारत मजबूत हो और विश्व हिंसा तथा दंगों से मुक्त हो.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इफ्तार पार्टी में मुस्लिम देशों के साथ ही लगभग 61 देशों के राजनियकों को आमंत्रित किया था. इसमें सीरिया, किर्गिस्तान, ईरान सहित अन्य देशों के राजनयिक और प्रतिनिधियों के अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति मौजूद रहे.
सौजन्य -vskभारत से