नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) खालसा पंथ की स्थापना की 232वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दो दिवसी समारोह आयोजित करेगी।
डीएसजीएमसी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली फतह दिवस पर्व 21 और 22 मार्च को है। कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिह ने कहा कि इस पर्व का उद्देश्य खालसा पंथ के उन ‘स्वर्णिम ऐतिहासिक क्षण’ पर रोशनी डालना है, जब पंथ ने नई दिल्ली से देश पर शासन किया।
यह दिन 11 मार्च, 1783 को तत्कालीन मुगल शासक शाह आलम को हराने और दीवान-ए-आम में नए शासक के रूप में जस्सा सिंह अहलूवालिया की ताजपोशी के बाद लाल किले पर सिख योद्धा सरदार बघेल सिंह द्वारा खालसा पंथ का केसरी निशान साहिब फहराने का प्रतीक है।
मंजीत सिंह ने कहा कि इस ऐतिहासिक घटना पर रोशनी डालने के लिए व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे।
सिंह ने कहा, “यह दूसरी मौका है, जब डीएसजीएमसी द्वारा दिल्ली फतह दिवस मनाया जा रहा है। इसमें विभिन्न धर्मो के करीब एक लाख लोग शामिल होंगे और इसे वार्षिक कार्यक्रम बनाने की कोशिशें चल रही हैं।”
उन्होंने कहा, “सिख धर्म के पांच प्रमुख ग्रंथी 22 मार्च को पुराने हनुमान मंदिर से लाल किला तक जरनैल विजय जुलूस की अगुवाई करेंगे।”