धर्मपथ-(खुसर-फुसर)-भोपाल स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रवक्ता कक्ष के कक्ष प्रभारी श्री राकेश शर्मा जी के द्वारा उनकी खबर प्रकाशित होने के मद्देनजर एक तालीबानी निर्णय लिया गया.प्रवक्ता कक्ष जहाँ पत्रकार बैठते थे उसमें राकेश जी के जाते ही ताला लगा दिया जाता है,खबर प्रकाशित होने के पहले याह नहीं होता था,ताला लगाने की परम्परा के पक्ष में ये पहले नहीं थे लेकिन इनकी असलियत सामने लाते ही इनका रूप और उग्र हो गया.
आलोक संजर ने अपने कक्ष में पत्रकारों को ससम्मान बैठाया
बेलगाम होते सत्ता-प्रशासन को राष्ट्र,समाज और जनहित में काबू रखने के लिये मीडिया की जरूरत होती है,जनता अपनी जिम्मेदारी इन नेताओं को सौंपती है,ये नेता चाल,चरित्र और चेहरे से निष्कलंक रहें यह पत्रकारों की नजर ही भांप और सामने ला सकती है.जब दोपहर 2 बजे के बाद पत्रकार बाहर धूप और गर्मी में खडे थे तभी भाजपा के भोपाल लोकसभा उम्मीद्वार आलोक संजर वहा आ गए उर उपरोक्त घटना जानने के बाद ससम्मान अपने कक्ष में ले गए.
क्या ऐसे राजनेताओं को जो जिस थाली में खाते हैं उसमें छेद करते हैं,इनके कर्मों की,असामाजिक सोच की खबर समाज के सामने लाने पर अपने अधिकार क्षेत्र में तालीबानी व्यवहार प्रयुक्त करते हैं आप ही सोचिये क्या ये सामाजिक जिम्मेदारी दिये जाने योग्य हैं,यदि दी भी गयी तब ये क्या करेंगे जनता के साथ सोच कर भी भय लगता है.
कक्ष-प्रभारी से प्रवक्ता की कुर्सी पर बैठे राकेश जी की फोटो खीच खबर प्रकाशित होने से वे क्रोध में हैं और तालीबानी फरमान सुना बैठे.लेकिन उन्होने यह नहीं सोचा की यह संदेश उनकी सोच को सामने लायेगा,कक्ष प्रभारी से जन नेता बनने की जुगत में वे यह भूल गए की क्या जिम्मेदारी होती है जन नायक की,उसे हिटलर नहीं जनसंवेदक बन कर जन नायक बनना होगा.