नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। मशीन-लर्निग आधारित अंडरराइटिंग का उपयोग कर डिजिटल तरीके से उपभोक्ताओं को ऋण देने वाले अग्रणी समूह क्रेडिटेक को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में काम करने का लाइसेंस प्राप्त हुआ है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। मशीन-लर्निग आधारित अंडरराइटिंग का उपयोग कर डिजिटल तरीके से उपभोक्ताओं को ऋण देने वाले अग्रणी समूह क्रेडिटेक को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में काम करने का लाइसेंस प्राप्त हुआ है।
क्रेडिटेक ने एक बयान में कहा कि कंपनी का लक्ष्य पूरी तरह से वैकल्पिक आंकड़ों के आधार पर व्यक्तियों की क्रेडिट योग्यता का आकलन करके उपभोक्ता ऋण बाजार में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना है। नव अधिग्रहीत लाइसेंस के साथ कंपनी अब भारतीय ग्राहकों को ऑनलाइन उपभोक्ता ऋण उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।
क्रेडिटेक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारतीय परिचालन) आशीष कोहली ने कहा, “इस लाइसेंस के साथ, हम भारत में ऋण प्रदान करने के एक नए युग में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस प्रमाणीकरण में हमारी मजबूत प्रणाली, प्रौद्योगिकी एवं ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र को ध्यान में रखा गया है, जो हमें अपने प्रतिस्पर्धियों से पूरी तरह अलग बनाता है।”
उन्होंने कहा, “भारत में उपभोक्ता ऋण व्यवसाय को तकनीकी नवाचार के कारण बड़ी उथल-पुथल का सामना करना पड़ रहा है, जिसके अंतर्गत बिग डेटा पर आधारित रीयल-टाइम स्कोरिंग मॉडल और मशीन लर्निग एल्गोरिदम शामिल हैं। फिलहाल कई एनबीएफसी डिजिटल स्पेस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हालांकि बाजार से हमारा संपर्क पूरी तरह अलग है क्योंकि हमारे व्यवसाय का मॉडल पूरी तरह से डिजिटल एंड-टू-एंड सॉल्यूशन पर आधारित है, जिसमें डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन की उत्पत्ति से लेकर संग्रहण तक के चरण शामिल हैं।”
आशीष कोहली को इसी साल अप्रैल में कंपनी में शामिल किया गया है और एशिया में क्रेडिटेक के व्यवसाय के प्रबंधन की जिम्मेदारी उनके ऊपर है। रिटेल फाइनेंसिंग के क्षेत्र में उन्हें 20 से अधिक वर्षो का अनुभव है और वे नियामक की भूमिका भी निभाएंगे।