भोपाल, 27 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दिल्ली के सिरीफोर्ट में दिए गए हर व्यक्ति को अपनी पसंद का धर्म मानने के अधिकार के बयान को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नसीहत देने वाला करार दिया है और सवाल किया कि क्या वे (मोदी) विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के ‘घर वापसी अभियान’ तथा धर्म परिवर्तन अभियान को रोकने का साहस दिखा पाएंगे।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रवास पर आए सिंह ने मंगलवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि मोदी अपने को ओबामा का दोस्त बताते हैं और ओबामा उन्हें धर्म को लेकर नसीहत दे गए हैं, क्या मोदी उससे सीख लेंगे। साथ ही वे कहते हैं कि मुझे नहीं लगता कि मोदी घर वापसी का अभियान चलाने वाले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और धर्म परिवर्तन की बात करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मोहन भागवत को रोकने का साहस दिखा पाएंगे।
सिंह ने कच्चे तेल के दामों में हो रही गिरावट के बावजूद देश के उपभोक्ताओं को ज्यादा लाभ न मिलने का सवाल उठाया और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देशवासियों से उनका हक छीनने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कच्चे तेल के दाम जिस अनुपात में कम हुए हैं, उस अनुपात में देश में डीजल-पेट्रोल के दाम कम नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि सरकार उपभोक्ता से प्रति लीटर 27 से 28 रुपये ज्यादा वसूल रही है।
सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने डीजल-पेट्रोल की कीमतों को बाजार के हवाले (डीरेगुलेट) कर दिया है, मगर आज दुनिया में कच्चे तेल के दाम कम हो रहे हैं मगर देश में डीजल पेट्रोल की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ रहा है।
उन्होंने वर्ष 2009 की कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि तब कच्चे तेल के दाम इस समय से कहीं ज्यादा थे मगर देश में डीजल 30 रुपये और पेट्रोल 37 रुपये लीटर की दर से मिलता था मगर आज कच्चे तेल के दाम तब से कम हैं मगर डीजल 57 और पेट्रोल 63 रुपये लीटर मिल रहा है। वर्तमान में केंद्र की भाजपा सरकार आम उपभोक्ता से डीजल व पेट्रोल पर 27 से 28 रुपये प्रति लीटर ज्यादा वसूल रही है।
भाजपा की परमाणु नीति पर सवाल उठाते हुए सिंह ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार थी तब भाजपा परमाणु समझौते के पक्ष में थी, जब कांग्रेस नेतृत्व की सत्ता आई तो उनका रुख बदला। अब फिर समझौते के पक्ष में आ गए हैं। अमेरिका से किन शर्तो पर परमाणु समझौता हुआ है उसका अभी तक आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया गया है।