नई दिल्ली/अमृतसर, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्र जलियांवाला बाग में ब्रिटिश बलों द्वारा सैकड़ों निर्दोष भारतीयों के नरसंहार की आज 100वीं बरसी मना रहा है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कोविंद ने ट्वीट किया, “आज से 100 साल पहले, हमारे प्यारे स्वतंत्रता सेनानियों को जलियांवाला बाग में शहीद कर दिया गया था। एक भयावह नरसंहार, सभ्यता पर एक दाग, बलिदान का वह दिन भारत कभी नहीं भूल सकता।”
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जो उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन शहीद हुए थे। उनकी वीरता और बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उनकी स्मृति हमें भारत के निर्माण के लिए और भी अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है, जिस पर उन्हें गर्व होगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने 13 अप्रैल, 1919 को ब्रिटिश सैनिकों द्वारा मारे गए सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे।
इस जघन्य नरसंहार की 100वीं बरसी की पूर्व संध्या पर छात्रों, निवासियों और आगंतुकों सहित सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को अमृतसर में एक मोमबत्ती जुलूस निकाला था।
ब्रिगेडियर जनरल डायर के नेतृत्व में आज ही के दिन ब्रिटिश सेना ने निहत्थे, निर्दोष भारतीयों पर गोलियां चलाई थी, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे, जो ब्रिटिश सरकार के दमनकारी रौलट एक्ट के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
ब्रिटिश सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से मृतकों की संख्या 379 बताई गई थी।
राहुल शुक्रवार देर शाम यहां पहुंचे और उन्होंने स्वर्ण मंदिर जाकर मत्था टेका।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू नरसंहार के मुख्य समारोह के लिए यहां बाद में पहुंचेंगे।