कोलकाता, 21 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में आयोजित हो रहे पहले प्रौद्योगिकी हैकाथन में कम से कम 100 कंप्यूटर प्रोगामर व अन्वेषक अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम के पीछे एक स्मार्ट भारत की परिकल्पना है, जहां एक ही स्रोत से कई उपकरणों का नियंत्रण हो सकता है। आयोजक ने शनिवार को यह जानकारी दी।
जादवपुर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘स्पार्क हैक’ कार्यक्रम इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) की उभरती कंप्यूटिंग अवधारणा को एक आकार देने का प्रयास है, जो एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता है, जहां प्रतिदिन भौतिक वस्तुएं इंटरनेट से जुड़ सकेंगी और अन्य उपकरणों की तुलना में स्वयं की पहचान करने में सक्षम होंगी।
विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र प्रसीद मित्रा ने कहा, “कोलकाता में पहली बार इस तरह का प्रौद्योगिकी कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। विश्वविद्यालय कैंपस में आईओटी हैकाथन 26 मार्च से 28 मार्च तक चलेगा।”
मित्रा ने कहा कि सॉफ्टवेयर तथा सेवा कंपनियों के राष्ट्रीय संघ (नैस्कॉम) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में हार्डवेयर प्रोटोटाइप्स, एप्लिकेशंस तथा सॉफ्टवेयर्स के विकास के लिए इंजीनियरों, डिजाइनरों तथा उपयोगकर्ताओं का दल हिस्सा लेगा। इसका उद्देश्य आईओटी से संबंधित समस्याओं का समाधान करना तथा भारत में प्रौद्योगिकी परिदृश्य को बदलना है।
उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे युग की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, जहां चुनने के लिए समस्याओं की भरमार है और वहां उपकरण व गैजेट्स एक ही स्रोत से नियंत्रित होंगे। वह एक स्मार्ट सोसायटी होगी, जहां हमारे आसपास मौजूद तमाम उपकरण क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़े होंगे।”