नई दिल्ली, 27 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में कई लोगों के बयानों के साथ जांच की प्रगति रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी।
कोयला ब्लॉक आवंटन में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला सहित कई और लोगों की कथित संलिप्तता की जांच सीबीआई कर रही है।
सीबीआई ने विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पाराशर को सीलबंद लिफाफे में बयान सौंपे और न्यायालय से आग्रह किया कि मामले की जांच पूरी होने तक सीलबंद लिफाफे को न खोला जाए। जांच पूरी करने के लिए सीबीआई ने अतिरिक्त दो सप्ताह का समय मांगा।
न्यायालय ने सीबीआई को अतिरिक्त समय देते हुए मामले को 19 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
न्यायालय ने बीते साल 16 दिसंबर को सीबीआई को इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बयान दर्ज करने के निर्देश दिए थे और मामले की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल में कोयला मंत्रालय उनके पास था।
न्यायालय ने सीबीआई को मामले की जांच जारी रखने का आदेश भी दिया था। सीबीआई ने अक्टूबर 2013 में बिड़ला, पूर्व कोयला सचिव पी. सी. पारेख और कई अन्य पर आपराधिक षड्यंत्र और कोयला ब्लॉक आवंटन में भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए थे।
सीबीआई ने 28 अगस्त 2014 को यह कहते हुए मामले की क्लोजर रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी थी कि जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूत प्राथमिकी (एफआईआर) में दर्ज किए गए लोगों के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।