Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 कैसे बनाएं ब्रांड की छवि? | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » व्यापार » कैसे बनाएं ब्रांड की छवि?

कैसे बनाएं ब्रांड की छवि?

मुंबई, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। मैं कौन हूं। यह आत्ममंथन का मूल सवाल है। मूल रूप से यह पहचान से जुड़ा हुआ सवाल है। दूसरे शब्दों में इस सवाल के जरिए यह मंथन किया जाता है कि मैं क्या करता हूं और मेरे होने का मतलब क्या है।

मुंबई, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। मैं कौन हूं। यह आत्ममंथन का मूल सवाल है। मूल रूप से यह पहचान से जुड़ा हुआ सवाल है। दूसरे शब्दों में इस सवाल के जरिए यह मंथन किया जाता है कि मैं क्या करता हूं और मेरे होने का मतलब क्या है।

मैं खुद को एक चिकित्सक या एक बेहतरीन चिकित्सक के रूप में देख सकता हूं। मैं खुद को एक सरकारी अधिकारी के रूप में या एक भ्रष्ट या निकम्मे बाबू के रूप में या एक कर्मचारी या एक भरोसेमंद कर्मचारी के रूप में खुद को देख सकता हूं। इन सबके बीच स्पष्ट अंतर है। इसलिए मैं कौन हूं यह सवाल हमें परिभाषित करना है।

यह सवाल एक व्यक्ति, संगठन, संस्थान और कंपनी के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।

इसलिए एक कंपनी या कारोबार के लिए यह जानना जरूरी है कि वह कौन है, उसके होने का अर्थ क्या है, उसे किस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है और इसलिए उसे दूसरों से अलग कैसे किया जा सकता है।

यही है यूनीक सेलिंग प्रोपोजिशन (यूएसपी) या ब्रांडिंग। यदि कंपनी अपनी यूएसपी को स्पष्ट तरीके से परिभाषित नहीं करे, तो उसकी दूसरों से अलग कोई पहचान नहीं बनेगी।

एक बार ब्रांड का निर्माण करने के बाद कंपनी को लगातार ग्राहकों को संतुष्ट करते हुए उसकी रक्षा करनी होती है। ब्रांड का निर्माण करने में लंबा समय लगता है, लेकिन उसे नष्ट करने में मिनट भी नहीं लगता।

ब्रांड निर्माण में प्रभावी संवाद बहुत महत्वपूर्ण है। इस तथ्य को नजरंदाज नहीं करना चाहिए कि धारणा कितनी मजबूत होती है। लेकिन यह धारणा झूठ पर आधारित नहीं हो सकती है। अगर यह झूठ पर आधारित है, तो इसे जल्द से जल्द सही किया जाना चाहिए, वरना इसका प्रभाव गहरी जड़े जमा लेता है। इसका परिणाम यह होता है कि ब्रांड नष्ट हो जाता है।

संवाद का काम आपके उत्पाद की सही बातों को बताना होता है। लेकिन यदि आपके द्वारा रची जा रही बातें झूठी लगेंगी, तो यह ग्राहकों को धोखा देने के समान होगा।

प्रभावी संवाद स्थापित करने के नौ सिद्धांत हैं।

1. सिर्फ सच्चाई ही बिकती है : ग्राहकों से कभी झूठे वादे मत कीजिए। यदि उत्पाद खराब है, तो कितनी भी अच्छी तरह पैकेजिंग करने से यह बेहतर नहीं हो जाएगा। संवाद से भरोसे का निर्माण होना चाहिए।

2. खराब साबित हो चुके सामान को अच्छा मत बताते रहिए : यदि ग्राहक किसी उत्पाद को खराब बताकर अस्वीकार कर देता है, तो उसे दुकान से हटा दीजिए। यदि आप इससे जबरदस्ती बेचते रहेंगे, तो आपकी साख घट जाएगी।

3. अपने उत्पाद पर भरोसा रखिए : आपको अपने उत्पाद पर भरोसा होगा, तभी आप उसे लक्षित ग्राहकों को बेच पाएंगे। यदि आप किसी कार कंपनी के लिए काम करते हैं, तो आपको दूसरी कंपनियों की कारें नहीं इस्तेमाल करनी चाहिए, वरना ग्राहकों को आपकी कार पर भरोसा नहीं होगा।

4. ग्राहकों को समझिए : एक ही सामान सभी ग्राहकों को नहीं बेचा जा सकता। आपको अपने ग्राहकों को समझना होगा, ताकि आप अलग-अलग ग्राहकों के लिए अलग-अलग बिक्री योजना बना सकें।

5. पुराने ग्राहकों को सहेजिए : बाजार में ग्राहक तभी बढ़ते हैं, जब आप पुराने ग्राहकों को सहेजते हुए नए ग्राहकों का निर्माण करते हैं। नए दोस्त बनाने का मतलब यह नहीं है कि आप पुराने दोस्त भूल जाएं।

6. बाजार पर नजर टिकाए रखिए : बाजार में प्रभाव बनाए रखने के लिए आपको इसे समझना होगा। जमाना जब लैपटॉप, आईपैड और मोबाइल का है, तब आप टाइपराइटर का निर्माण करेंगे, तब लोग आपको पिछड़ा हुआ समझेंगे। और यदि आप फिर भी टाइपराइटर बेच रहे हैं, तो आपको प्रभावकारी तरीके से बताना होगा कि आप टाइपराइटर क्यों बेच रहे हैं।

7. अपने संवाद को स्पष्ट तरीके से रखिए : ग्राहकों को यह स्पष्ट तरीके से समझ में आना चाहिए कि एक उत्पाद क्या कर सकता है और क्या नहीं कर सकता है। उत्पाद एक रहस्य पर आधारित उपन्यास की तरह नहीं होता। उत्पाद में वे बातें मिलनी चाहिए, जिसके लिए ग्राहकों ने कीमत का भुगतान किया है।

8. अपने प्रतियोगी को कम नहीं समझें : उत्पादों के बीच प्रतियोगिता होती है और स्वस्थ्य प्रतियोगिता से बाजार चलता है। लेकिन जब प्रतियोगिता आक्रामक और ओछेपन पर उतर आती है, तो बाजार से ग्राहक हटने लगते हैं।

9. सदा जागरूक रहिए : बेहतर बिक्री योजना और बेहतर उत्पाद के बारे में हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए। वे खुद-ब-खुद बेहतर बने हुए नहीं रहते। बाजार का विश्लेषण और उपभोक्ताओं के व्यवहार के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए और जरूरत होने पर उपयुक्त कदम उठाने चाहिए।

संवाद का प्रभावी रूप से किया जाना बहुत जरूरी है। इससे ब्रांड बनता है और उसकी रक्षा करनी होती है। लेकिन ऐसा करने के लिए यह जानना जरूरी है कि हम बेच क्या रहे हैं। दूसरे शब्दों में यह जानना जरूरी है कि हम कौन हैं और किन बातों के पक्ष में खड़े हैं।

कैसे बनाएं ब्रांड की छवि? Reviewed by on . मुंबई, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। मैं कौन हूं। यह आत्ममंथन का मूल सवाल है। मूल रूप से यह पहचान से जुड़ा हुआ सवाल है। दूसरे शब्दों में इस सवाल के जरिए यह मंथन किया जात मुंबई, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। मैं कौन हूं। यह आत्ममंथन का मूल सवाल है। मूल रूप से यह पहचान से जुड़ा हुआ सवाल है। दूसरे शब्दों में इस सवाल के जरिए यह मंथन किया जात Rating:
scroll to top