Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 केसरिया जी के ऋषभदेव | dharmpath.com

Friday , 22 November 2024

Home » धर्मंपथ » केसरिया जी के ऋषभदेव

केसरिया जी के ऋषभदेव

rishabhdevउदयपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर गांव ‘धूलेव’ में स्थित प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव का मंदिर ‘केसरियाजी’ या ‘केसरियानाथ’ के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राचीन तीर्थ अरावली पर्वतमाला की कंदराओं के मध्य कोयल नदी के किनारे स्थित है। ऋषभदेव मंदिर को जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ माना जाता है। उनके नाम से यह जगह इतनी जानी जाती है कि आसपास के इलाकों में इस गांव को अपने नाम से न जानकर लोग केवल ऋषभदेव के नाम से भी जानते हैं। यह मंदिर न केवल जैन धर्मावलंबियों, बल्कि वैष्णव हिंदुओं और मीणा व भील आदिवासियों व अन्य जातियों द्वारा भी पूजा जाता है। ऋषभदेव को तीर्थयात्रियों द्वारा अत्यधिक मात्रा में केसर चढ़ाए जाने के कारण केसरियाजी कहा जाता है। यहां प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ या ऋषभदेव की काले रंग की प्रतिमा स्थापित है। यहां के आदिवासियों के लिए केसरियाजी कालिया बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं। मंदिर में खुदे अभिलेख इसे विक्रम संवत 1676 में बना बताते हैं। यहां तीर्थंकरों की 22 और देवकुलिकाओं की 54 मूतियां स्थापित हैं, जिनमें 62 में लेख उपलब्ध हैं, जो बताते हैं कि ये मूर्तियां विक्रम संवत 1611 से 1863 के बीच बनाई गई हैं।

केसरिया जी के ऋषभदेव Reviewed by on . उदयपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर गांव 'धूलेव' में स्थित प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव का मंदिर 'केसरियाजी' या 'केसरियानाथ' के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राचीन तीर्थ उदयपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर गांव 'धूलेव' में स्थित प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव का मंदिर 'केसरियाजी' या 'केसरियानाथ' के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राचीन तीर्थ Rating:
scroll to top