कोचि, 6 जून (आईएएनएस)। केरल की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने गुरुवार को कहा कि बुखार से पीड़ित छह लोगों की निपाह की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
यहां मीडिया से बात करते हुए, शैलजा ने कहा कि जिन लोगों के टेस्ट नेगेटिव पाए गए हैं, वे उस युवक के सीधे संपर्क में थे जिसकी इसी सप्ताह निपाह जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
शैलजा ने कहा, “इन सभी लोगों का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है और इन्हें अभी भी हॉस्पिटल के एक अलग वार्ड में रखा गया है। जिस युवक की निपाह रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उसकी तबियत में भी बेहतर तरीके से सुधार हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी है और जरूरत पड़ने पर संदिग्ध लोगों के नमूने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी समेत अन्य संबंधित प्रयोगशालाओं में भेजे जाएंगे।
शैलजा ने कहा, “मुझे बताया गया है कि तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में बुखार के इलाज के लिए आए दो लोगों का निरीक्षण किया जा रहा है और उनके नमूने भी परीक्षण के लिए भेजे जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल के पास निपाह के मरीजों के लिए विशेष दवाएं हैं।
शैलजा ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया से आई यह दवाई देने के लिए हमारे दो डॉक्टरों को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रशिक्षण दिया गया है। जब यह दवाई देनी पड़ती है तो डॉक्टरों को इसके लिए मरीज के परिजनों से अनुमति लेनी पड़ती है।”
जिस युवक में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है, वह एर्नाकुलम जिले के पारावुर का रहने वाला है। वह इडुक्की के थोडुपुझा में पढ़ाई कर रहा था।
पिछले महीने वह अपने 16 अन्य सहपाठियों के साथ त्रिशूर में इंटर्नशिप के लिए आया था जिसके बाद उसे बुखार आ गया।
मंत्री ने कहा कि विशषज्ञों की टीम उस युवक के घर तथा, जहां-जहां वह गया, उन स्थानों पर जाकर वायरस का स्रोत पता लगाने का प्रयास कर रही है।
वर्तमान में त्रिशूर, एर्नाकुलम जिले में पारावर, इडुक्की में थोडुपुझा और तिरुवनंतपुरम में 300 से ज्यादा लोगों का निरीक्षण किया जा रहा है।
पिछले साल कोझिकोड तथा मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस के 22 पॉजिटिव मामले सामने आए थे और उनमें से 12 लोगों की मौत हो गई थी।