तिरुवनंतपुरम, 7 मार्च (आईएएनएस)। केरल विधानसभा के अध्यक्ष जी.कार्तिकेयन का शनिवार को बेंगलुरू के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 66 साल के थे। अस्पताल में उनके लीवर से संबंधित कैंसर का इलाज चल रहा था।
कार्तिकेयन के निधन की जानकारी कांग्रेस पार्टी ने दी। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं।
राजनीति में आने से पहले कॉलेज प्राध्यापक रह चुके कार्तिकेयन छह बार विधायक निर्वाचित हुए थे। वह दो बार मंत्री भी रह चुके थे।
मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कार्तिकेयन के निधन पर दुख जताया है। उनके निधन से आहत चांडी ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा, “मैं अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर रहा हूं और राजधानी तिरुवनंतपुरम लौट रहा हूं।”
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री रमेश चेन्निथाला और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बेंगलुरू के लिए रवाना होंगे, जबकि कुछ वरिष्ठ मंत्री और पार्टी नेता अस्पताल में मौजूद हैं।
उनका पार्थिव शरीर शाम को विशेष विमान से तिरुवनंतपुरम लाया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस इकाई उनके अंतिम संस्कार के लिए इंतजाम कर रही है।
मृदु भाषी और सरल स्वभाव के कार्तिकेयन का कद पार्टी में केरल छात्र संघ और युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बन कर ऊंचा हुआ था।
दिवंगत मुख्यमंत्री के.करुणाकरन के विश्वासपात्र रहे कार्तिकेयन 1978 में उनके साथ तब खड़े थे, जब ए.के.एंटनी, ओमन चांडी और एम.वी.सुधीरन ने पार्टी छोड़ दी थी।
लेकिन कुछ सालों बाद कार्तिकेयन ने करुणाकरण का साथ छोड़ कर चेन्निथाला के साथ पार्टी गठित की थी, जो कि कांग्रेस का तीसरा धड़ा माना जाता है।
वह पिछले साल के मध्य में बीमार हो गए थे और उनके लीवर कैंसर का उपचार चल रहा था। पिछले अक्टूबर में अमेरिका के मायो क्लिनिक में उनका उपचार किया गया था।
अमेरिका से लौटने के बाद वह सार्वजनिक स्थानों पर कम दिखते थे और दिसंबर में विधानसभा सत्र में भी उन्होंने हिस्सा नहीं लिया था।
उनकी सेहत में जनवरी में सुधार आया था और उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में कुछ कार्यक्रमों में शिरकत की थी।
पिछले महीने उनकी सेहत बिगड़ने लगी थी और उन्हें बेंगलुरू के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह पिछले कुछ दिनों से जिंदगी व मौत से जूझ रहे थे।
विपक्ष के नेता वी.एस.अच्युतानंदन ने कार्तिकेयन को एक परिपक्व नेता करार दिया, जो अपने राजनीतिक विरोधियों को भी सम्मान देते थे।