कोच्चि- केरल के पथनमथिट्टा जिले के एलनथूर गांव में काला जादू के चलते दो महिलाओं की अपहरण के बाद कथित रूप से बलि चढ़ा दी गई. एक दंपति समेत मामले के तीन आरोपियों ने आर्थिक समृद्धि लाने के लिए यह अपराध किया.
पुलिस ने बताया कि जिन महिलाओं की हत्या की गई, वे सड़क पर लॉटरी टिकट बेच कर अपनी आजीविका चलाती थीं. आरोपियों ने अपनी आर्थिक तंगी दूर करने और समृद्धि प्राप्त करने के लिए कथित तौर पर उनकी बलि दे दी.
मृतक महिलाओं की पहचान 49 वर्षीय रोजली और 52 वर्षीय पद्मम के रूप में हुई है, जो पिछले कुछ महीनों से लापता थीं.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान एलंथूर के रहने वाले आरोग्यसाधक और मालिश करने वाला भगवाल सिंह, उसकी पत्नी लैला तथा पेरुंबवूर से रशीद उर्फ मोहम्मद शफी के तौर पर हुई है. संदेह है कि रशीद (एजेंट) ही इन महिलाओं को दंपति के घर ले गया था, जहां कथित रूप से उनकी बलि चढ़ाई गई.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को केरल में कोच्चि की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कथित तौर पर आर्थिक समृद्धि के लिए अनुष्ठानिक मानव बलि के तहत दो महिलाओं की नृशंस हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अदालत ने कहा कि तीनों 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रहेंगे.
अदालत को सौंपी गई रिमांड रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि हत्याएं देवी को खुश करने और आर्थिक समृद्धि के लिए की गई थीं. शफी ने महिलाओं को सेक्स वर्क के लिए 10-10 लाख रुपये का लालच दिया था. इसमें कहा गया है कि दोनों पीड़ितों को सिर काटने से पहले प्रताड़ित किया गया था.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मामले की दूसरी आरोपी लैला ने रोजली का सिर कलम किया था, जबकि पद्मम की हत्या शफी ने की थी. रोजली की हत्या के बाद उसके स्तन काट दिए गए थे. पथनमथिट्टा के एलंथूर गांव में आरोपी भगवाल सिंह के घर के पास गड्ढों में दफनाने से पहले दोनों महिलाओं के शरीर को कई टुकड़ों में काट दिया गया था.
दोनों महिलाएं आजीविका के लिए लॉटरी टिकट बेचती थीं. दोनों कोच्चि में एक ही सस्ते रेस्तरां में खाने के लिए जाती थीं. 6 जून को रोजली और 26 सितंबर को पद्मम लापता हो गई थीं. पुलिस को संदेह है कि एर्नाकुलम से लापता होने के 24 घंटे के भीतर महिलाओं की हत्या कर दी गई थी.
पुलिस ने बताया कि इनमें से एक कदवंथरा और दूसरी नजदीक स्थित कालडी की रहने वाली थीं. उनकी तलाश में जुटी पुलिस को जांच के दौरान घटना के कथित तौर पर मानव बलि से जुड़े होने का पता चला.
कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त नागराजू चाकिलम ने कहा, ‘कदवंथरा की लापता महिला की तलाश के दौरान पता चला कि दंपति ने अपने घर में उसकी हत्या कर दी और उसके शव के टुकड़े कर दफना दिया.’
पुलिस आयुक्त ने बताया कि मामले की जांच करने पर पता चला कि आरोपियों ने जून में भी इसी तरह से एक अन्य महिला की भी ‘बलि’ दी थी.
पुलिस महानिरीक्षक (दक्षिण क्षेत्र) पी. प्रकाश ने बताया कब्र की खुदाई कर शवों के टुकड़े निकालने, उनकी जांच करने और पोस्टमॉर्टम के बाद ही अतिरिक्त जानकारी दी जा सकेगी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त सीएच नागराजू ने कहा कि पुलिस ने शवों को निकालने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है.
नागराजू ने कहा, ‘हमें पहले ही दंपति और एजेंट के इकबालिया बयान मिल चुके हैं. पैसे का लालच देकर शफी महिलाओं को भगवाल सिंह के पास ले गया था. दंपति वित्तीय संकट का सामना कर रहे थे और उन्होंने भगवान को खुश करने और संकट से बाहर आने के लिए महिलाओं की बलि देने का फैसला किया.’
26 सितंबर को पलनियाम्मा नामक एक महिला ने अपनी बहन पद्मम के लापता होने की शिकायत कोच्चि शहर पुलिस के तहत आने वाले कदवंथरा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. पद्मम तमिलनाडु के धर्मपुरी की रहने वाली थीं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से कोच्चि में रह रही थीं.
मोबाइल फोन रिकॉर्ड के विश्लेषण ने पुलिस को शफी तक पहुंचाया. पुलिस ने शफी को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ में दोनों हत्याओं का खुलासा हो गया.
8 जून को 49 वर्षीय रोजली लापता हो गई थीं. वह एर्नाकुलम जिले के कलाडी की एक लॉटरी विक्रेता थीं. उनकी बेटी मंजू, जो उत्तर प्रदेश में एक शिक्षक के रूप में काम करती हैं, केरल आईं और 17 अगस्त को कलाडी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि, कलाडी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला.
पुलिस ने कहा कि शफी ने कथित तौर पर दो महिलाओं की आर्थिक तंगी का फायदा उठाया और उन्हें भगवाल सिंह के पास ले गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण करने के बाद पुलिस ने पाया कि पद्मम मामले के एक आरोपी शफी के संपर्क में थीं. शफी का नाम ड्रग तस्करी, हमले और बलात्कार सहित कई आपराधिक मामलों में शामिल था.
पुलिस ने पाया कि शफी ने इस साल की शुरुआत में ‘श्रीदेवी’ नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया था और वित्तीय संपत्ति बढ़ाने के लिए पूजा सेवाओं की पेशकश करने वाला एक पोस्ट डाला था.
पुलिस के मुताबिक, शफी ने इस फर्जी फेसबुक अकाउंट के जरिये आरोपी भगवाल सिंह से संपर्क कर उसे बताया था कि वह एक काला जादू करने वाले को जानता है, जो उसे अमीर बनाने के उपाय बता सकता है. इसके बाद वह सिंह के घर पर उससे मिलने गया था और खुद को काला जादू करने वाले के रूप में पेश किया था.
इस बीच, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि हत्याएं अंधविश्वास के तहत की गई हैं. उन्होंने कहा कि धन और अंधविश्वास के लिए लोगों का अपहरण और हत्या करना एक ऐसा अपराध है, जो केरल जैसे राज्य में कल्पना से परे है.
मुख्यमंत्री ने हत्याओं पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मानसिक रूप से बीमार लोग ही इस तरह के अपराध कर सकते हैं.
उन्होंने एक बयान में कहा कि इस तरह के काला जादू और जादू-टोना की रस्मों को सभ्य समाज के लिए एक चुनौती के रूप में ही देखा जा सकता है.
विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि इस तरह की घटना से सभ्य समाज का हिस्सा होने पर गर्व करने वाले सभी लोगों का सिर शर्म से झुक जाएगा.
आरोपी भगवाल सिंह के सत्तारूढ़ माकपा का स्थानीय कार्यकर्ता होने की मीडिया में आईं खबरों का सीधे तौर पर जिक्र किए बिना सतीशन ने कहा कि यह भी अहम है कि एक कथित हत्यारा एक राजनीतिक पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता है और यह पार्टी खुद के प्रगतिशील होने का दावा करती है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य प्रमुख के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि एक आरोपी माकपा का कार्यकर्ता है और अपराध में कट्टरपंथी धार्मिक समूह भी शामिल हैं.