केदारनाथ मंदिर के कपाट मंगलवार को भैयादूज के दिन लग्नानुसार, विधि विधान पूर्वक शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
विभिन्न पड़ावों में विश्राम करती हुई भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली सात नवंबर को शीतकालीन पूजा गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। शीतकाल के छह माह केदार पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में होगी।
14 मई को खुले थे कपाट
इस वर्ष बाबा केदार मंदिर के कपाट 14 मई को ग्रीष्मकाल में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले थे। प्राचीन परंपरानुसार, केदारनाथ मंदिर के कपाट भैयादूज के मौके पर बंद होते हैं। मंगलवार को कपाट बंद होने से पूर्व भोले बाबा के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रूप दिया जाएगा। मंदिर के गर्भगृह में विशेष समाधि पूजा के साथ लिंग को भष्म से ढका जाएगा।
समिति और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। पूजा-अर्चना के पश्चात बाबा की डोली गद्दीस्थल को प्रस्थान करेगी। प्रथम पड़ाव में डोली रामपुर और द्वितीय पड़ाव में डोली छह नवंबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में विश्राम करेगी। सात नवंबर को डोली सुबह आठ बजे प्रस्थान करेगी।