लुधियाना, 29 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को उस समय बाल-बाल बच गए जब पंजाब के लुधियाना में उनकी कार पर कुछ लोगों ने पत्थरों और डंडों से हमला बोल दिया।
आम आदमी पार्टी (आप) ने यह कहते हुए सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) पर इस हमले का आरोप लगाया है कि इसका नेतृत्व एसएडी विधायक के एक सहायक ने किया है।
केजरीवाल का पंजाब का पांच दिवसीय दौरा सोमवार को समाप्त हुआ। उन्होंने ट्वीट कर इस हमले की जानकारी दी है।
उन्होंने ट्वीट किया है, “लुधियाना में मेरी कार पर पत्थरों और डंडों से हमला किया गया। मेरी कार की आगे की कांच टूट गई है।”
पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता सुरक्षित हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें घटनास्थल से ले जाया गया है। केजरीवाल को जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है।
केजरीवाल इनोवा कार में ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठे थे। घटना के बाद उन्हें तत्काल दूसरी कार में वहां से दूर ले जाया गया।
घटनास्थल पर मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनस को बताया, “यह हमला तीन-चार मिनट में समाप्त हो गया। इस हमले में 30-40 लोग शामिल थे।”
केजरीवाल ने कहा कि बादल और कांग्रेस नर्वस हैं?
वे मेरा साहस तोड़ नहीं सकते।
आप के नेता आशीष खेतान ने इस हमले को ‘योजनाबद्ध हमला’ करार देते हुए कहा, “बादल द्वारा भेजे गए गुंडों ने केजरीवाल की कार पर पत्थरों और डंडों से हमला किया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।”
खेतान ने कहा, “हमलावरों ने केजरीवाल पर भी हमला करने की कोशिश की, लेकिन भगवान की कृपा से उन्हें कोई हानि नहीं पहुंची।”
आप ने कार की टूटी हुई कांच की फोटो भी साझा की, जिसमें कार के पास पंजाब पुलिस के एक अधिकारी को खड़ा देखा जा रहा है।
पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और आप इसमें अन्य पार्टियों के लिए एक कड़ी प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी है।
लुधियाना जोन के आप नेता सी.एम. लखनपाल ने एक बयान में कहा है, “आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पत्थरों और डंडों से हमला अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली के राजनीतिक सहायक अमनदीप सिंह औलख के नेतृत्व में किया गया है। यह हमला तब हुआ जब फिरोजपुर रोड पर काफिला विस्टलिंग वुड्स रिसार्ट्स में आयोजित एक कार्यक्रम से भाग लेकर निकल रहा था।”
इससे पहले जनवरी में जब केजरीवाल पंजाब गए तो सुरक्षा में चूक सामने आई थी, क्योंकि जब वह दिल्ली लौट रहे थे तो पंजाब सरकार ने उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई थी।