नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने शनिवार को पश्चिम बंगाल सरकार से प्रदेश में राजनीतिक हिंसा रोकने के लिए किए गए उपायों के बारे में रिपोर्ट मांगी है।
केंद्र ने ममता बनर्जी की अगुआई वाली सरकार को अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और हिंसा की घटनाओं की जांच कराने का भी निर्देश दिया है।
सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने सालों से राज्य में हो रही हिंसा की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए भी पश्चिम बंगाल सरकार को दिशा-निर्देश जारी किया है।
गृह-मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की घटनाओं की संख्या वर्ष 2016 में 509 से बढ़कर 2018 तक 1,035 हो गई, जबकि 2019 में 773 घटनाएं अबतक पहले से ही दर्ज की जा चुकी हैं।
गृह मंत्रालाय ने कहा, “तदनुसार, 2016 में मौत का आंकड़ा 36 से बढ़कर 2018 तक 96 हो गया, जबकि 2019 में अब तक 26 मौतें हो चुकी हैं।”
सलाह में कहा गया है कि “इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि 2016 से 2019 तक राजनीतिक हिंसा की निरंतर प्रवृत्ति, कानून के शासन को बनाए रखने और लोगों के बीच सुरक्षा की भावना को प्रेरित करने के लिए राज्य के कानून प्रवर्तन तंत्र की ओर से विफलता का संकेत है।”
इसमें आगे कहा गया है, “भारत सरकार पश्चिम बंगाल में प्रचलित स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है। अनुरोध किया जाता है कि राज्य सरकार व उसके कानून प्रवर्तन मशीनरी द्वारा उठाए गए कदमों की एक रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाए, ताकि हिंसा की घटनाओं की जांच हो और इस पर अंकुश लगाने के साथ अपराधियों को नामजद किया जा सके।”
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने 13 जून को राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चुनाव के बाद हुई हिंसा के मुद्दे पर एक बैठक की और ऐसी स्थिति पैदा करने को कहा जिसमें शांति और सद्भाव कायम रहे।
राज्यपाल कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिले थे और उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया था।