नई दिल्ली-केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा के तहत राज्यों और और केन्द्र शासित प्रदेशों को 7,300 करोड़ रुपये की राशि भेजी है। कोरोना महामारी के संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्र व किसानों से संबंधित योजनाओं का लाभ लोगों तक तेजी से पहुंचाने की दिशा में काफी सक्रिय हो गई है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि एवं किसान कल्यािण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरुवार को ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर मंत्रालय द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं समीक्षा की। इस मौके पर ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी मौजूद थीं।
मंत्रालय ने एक बयान के जरिए बताया कि मनरेगा के तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों जो जारी इस 7,300 करोड़ रुपये की राशि से न सिर्फ बीते वित्त वर्ष 2019-20 की बकाया मजदूरी और सामग्री के बकाये का भुगतान किया जाएगा बल्कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले महीने के पहले पखवाड़े के बकाये का भी भुगतान किया जाएगा।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण से प्रकोप से अछूते इलाकों में मनरेगा के तहत काम होना चाहिए और वहां सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा के लिहाज से चेहरा ढकने के उपकरण का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों में टिकाऊ ढांचागत निर्माण, मसलन सिंचाई, जल संरक्षण जैसे निर्माणों पर ध्यान दिया जाना चाहिए
बैठक के दौरान यह जानकर तोमर ने खुशी जाहिर की कि कपड़े के सुरक्षात्मक मास्क तैयार करने के काम में 93,000 से अधिक स्वयं सहायता संगठन जुटे हुए हैं और वे सैनिटाइजर बनाने के साथ पूरे देश की ग्रामीण आबादी के कमजोर तबकों के लिए सामुदायिक रसोईघरों का संचालन भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण आजीविका को मजबूत बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नकदी के प्रवाह के लिए दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत बैंक सखियों और पशु सखियों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया जना चाहिए। तोमर ने कहा कि इससे बैंक ऋण और पशुपालन सेवाओं को ग्रामीण महिलाओं के दरवाजों तक पहुंचाया जा सकेगा।
तोमर ने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयूजीकेवाई) के लिए ई-कांटेंट विकसित करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 19,500 करोड़ रुपये के कुल बजट में से राज्यों को 800.63 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के जिन लगभग 40 लाख लाभार्थियों को दूसरी और तीसरी किस्त दे दी गई है, उन्हें अपने मकान का काम जल्द पूरा करने में सहयोग करना चाहिए।
ग्रामीण विकास मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लॉकडाउन की अवधि का उपयोग जिला और राज्य दोनों स्तरों पर दिशा समितियों की बैठक प्रबंधन को सुचारु बनाने में किया जाए। उन्होंने दिशा मंच को और अधिक सार्थक बनाने के लिए दिशा बैठकों के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया ।