हैदराबाद, 8 जून (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश सरकार ने सोमवार को फैसला किया कि वह मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू एवं अन्य के कथित फोन टेपिंग मामले को लेकर केंद्र से तेलंगाना की शिकायत करेगा। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
नायडू और तेलंगाना विधानसभा के मनोनीत सदस्य एल्विस स्टीफन्सन के बीच की टेलीफोन वार्ता का ऑडियो टेप सार्वजनिक होने के बाद तेदेपा ने तेलंगाना सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया।
कुछ टेलीविजन चैनलों पर रविवार रात प्रसारित ऑडियो टेप को गंभीरता से लेते हुए, नायडू ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक बुलाई है।
मंत्रिमंडल की बैठक में फोन टैपिंग और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) द्वारा नायडू की छवि खराब करने की कथित कोशिशों पर निंदा प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। यह निंदा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा और फोन टेपिंग मामले की व्यापक जांच की मांग की जाएगी।
आंध्र प्रदेश की तेदेपा सरकार की योजना हैदराबाद पुलिस के रवैये को लेकर भी केंद्र से शिकायत करने की है। हैदराबाद, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की साझा राजधानी है।
केंद्र में राष्ट्रीय जनता दल (राजग) गठबंधन सरकार की सहयोगी पार्टी तेदेपा केंद्र सरकार से आंध्र प्रदेश विभाजन अधिनियम की सभी धाराओं का क्रियान्वयन, विशेषकर हैदराबाद में कानून एवं व्यवस्था से जुड़ी धाराओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह करेगी।
तेदेपा सरकार ने आरोप लगाया कि टीआरएस नायडू की छवि खराब करने के लिए ‘गैरकानूनी गतिविधियों’ में संलिप्त है। उन्होंने दावा किया कि टीआरएस ने नायडू को निशाना बनाने और तेलंगाना में तेदेपा की छवि खराब करने के लिए यह षड्यंत्र रचा है।
आंध्र प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पेल्ले रघुनाथ रेड्डी ने आरोप लगाया कि तेलंगाना सरकार ने नायडू और अन्य लोगों के फोन की टैपिंग कराकर केंद्रीय टेलेग्राफिक अधिनियम का उल्लंघन किया है।
तेदेपा के वरिष्ठ नेता काला वेंकट राव ने फोन टेपिंग पर राष्ट्रीय स्तर की बहस कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि टीआरएस सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है।
एक अन्य तेदेपा नेता डी. नरेंद्र ने कहा कि इस घटना के बाद हैदराबाद में नायडू की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।