रायपुर, 28 जनवरी –मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को यहां केंद्र और राज्य में आपसी समन्वय पर जोर दिया और कहा कि कई मुद्दे ऐसे हैं, जिनको लेकर टकराव की स्थिति है। कमलनाथ, यहां आयोजित मध्य क्षेत्र विकास परिषद की बैठक में हिस्सा लेने आए हैं। और बैठक से पहले उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार जिस सहकारी संघवाद की बात करती है, इसका उदाहरण और सबूत आज हम सब इस बैठक में देखेंगे।
उल्लेखनीय है कि संसद में नागरिकता संशोधन कानून पारित हो चुका है, मगर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री इसे अपने राज्य में लागू न करने का ऐलान कर चुके हैं। इस माहौल के बीच हो रही यह बैठक अहम है, क्योंकि इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी हिस्सा ले रहे हैं।
कमलनाथ ने आगे कहा, “सहकारी संघवाद के बगैर देश चल नहीं सकता। देश की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि केंद्र और राज्य के बीच समन्वय बना रहे। बहुत सारे ऐसे मुद्दे होते हैं, जो टकराव के मुद्दे हैं। इस टकराव से अपने देश को सिर्फ हानि नहीं होती है, बल्कि इससे देश ठीक ढंग से चल नहीं सकता है।”
मध्य क्षेत्रीय परिषद में शामिल छत्तीसगढ़ सहित उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, इन राज्यों के मंत्री, मुख्य सचिव और वरिष्ठ विभागीय अधिकारी शामिल हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्य क्षेत्रीय परिषद का गठन केन्द्र सरकार और परिषद में शामिल राज्यों के समन्वय से इन राज्यों में संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ अंतर्राज्यीय समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से एक उच्चस्तरीय सलाहकार मंच के रूप में किया गया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मध्य क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष हैं, इसलिए यह बैठक छत्तीसगढ़ में आयोजित की गई है। क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों के मुख्यमंत्रियों को रोटेशन में परिषद का उपाध्यक्ष बनाया जाता है, जिनका कार्यकाल एक वर्ष का होता है।