नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने रविवार को मंत्रिमंडल और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की पेशकश की।
बीरेंद्र सिंह ने इस्तीफे की पेशकश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनके पुत्र बृजेंद्र सिंह को हरियाणा के हिसार लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद की है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मैंने सोचा कि यह उचित होगा कि जब मेरे पुत्र को उम्मीदवार बनाया गया है तो मैं राज्यसभा और मंत्रालय दोनों से इस्तीफा दे दूं। इसलिए मैंने (भाजपा अध्यक्ष) अमित शाहजी को पत्र लिखा है। मैं यह (फैसला) पार्टी पर छोड़ता हूं..मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।”
बीरेंद्र सिंह के इस्तीफे के फैसले को वंशवाद की राजनीति के विरोध में एक संदेश देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि उनके पुत्र को लोकसभा का टिकट दिया गया है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी बृजेंद्र सिंह राजनीति में अपनी यात्रा की शुरुआत हिसार से करेंगे जहां 1984 में उनके पिता ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को शिकस्त दी थी।
हरियाणा कॉडर के 1998 बैच के आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति व विपणन संघ के प्रबंध निदेशक के रूप में पदस्थापित हैं।
हिसार से दुष्यंत चौटाला सांसद हैं जिन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से अलग होने के बाद हाल ही में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का गठन किया है।
हिसार में 2011 के उपचुनाव में हरियाणा जनहित कांग्रेस के कुलदीप विश्नोई ने दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला को 6,232 मतों से पराजित किया था। अपने पिता की हार का बदला देते हुए 2014 में दुष्यंत ने विश्नोई को 31,847 मतों से पराजित किया। दुष्यंत (26) 16वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद हैं।
जाट नेता बीरेंद्र सिंह ने 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मतभेद के बाद अपना चार दशक से अधिक समय का कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा का दामन थामा था।