मुंबई, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। मैं कृष्णा राज कपूर से केवल एक बार और थोड़ी देर के लिए मिला था। लेकिन उनके भाव, बड़प्पन और जोश ने मुझ पर अमिट छाप छोड़ा है।
मुंबई, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। मैं कृष्णा राज कपूर से केवल एक बार और थोड़ी देर के लिए मिला था। लेकिन उनके भाव, बड़प्पन और जोश ने मुझ पर अमिट छाप छोड़ा है।
वह भारतीय मनोरंजन जगत में अबतक की सबसे प्रेरणादायक स्टार पत्नी थीं। असल में, उन्हें एक स्टार पत्नी या ‘मिसेज राज कपूर’ के रूप में भी संदर्भित करना उस महिला का अपमान है, जो राज कपूर के पीछे खड़ी एक सच्ची ताकत थी।
उन्होंने सबकुछ देखा..वह दिग्गज राज कपूर की सभी फिल्मों की गवाह रहीं, जिन्हें राज कपूर ने बनाया और वह पहली महिला साझेदार थीं, जिन्होंने हर वक्त उनके साथ राय-मशविरा किया।
जो लोग इस असाधारण महिला को करीब से जानते थे, उनका मानना था कि उन्होंने अपने शोमैन पति से उन्हें गंभीरता से नहीं लेने की इजाजत दे रखी थी। अगर हम राज कपूर के प्रेम प्रसंगों को देखे, जो उनकी पत्नी की ठीक नाक के नीच थे, तो वह काफी सहनशील और विनम्र दिखाई देती हैं।
दंपति को बहुत करीब से जानने वाले एक पारिवारिक दोस्त का कहना है कि सहमति कृष्णा राज कपूर की चुप्पी का वैध कारण था।
दोस्त ने कहा, “बच्चे।”
उन्होंने कहा, “कृष्णा भाभी नर्गिसजी के प्रति राज साहब के लगाव से उब चुकी थीं, क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि उनके बच्चे रणधीर, रीमा, ऋतु, ऋषि और राजीव को तलाक की भयावहता का सामना करना पड़े। कृष्णाजी का नर्गिसजी के साथ जब भी आमना-सामना होता, वह नर्गिसजी के साथ बड़ी मर्यादा के साथ बर्ताव करतीं। वे दोनों दोस्त नहीं थीं।”