मिलावटखोरों को जेल भेजा जायेगा : अपर मुख्य सचिव श्री उपाध्याय
अपर मुख्य सचिव सह कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एम.एम.उपाध्याय ने कहा कि कृषि आदानों में मिलावट कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मिलावट खोरों को जेल भेजा जायेगा। श्री उपाध्याय ने यह सख्त ताकीद आज अपेक्स बैंक में आयोजित रबी 2012-13 की समीक्षा बैठक में की। बैठक में खरीफ 2013 के कार्यक्रम पर भी चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख सचिव पशुपालन श्री प्रभांशु कमल, भोपाल संभाग कमिश्नर श्री एस.बी.सिंह, एम.डी.राज्य सहकारी विपणन संघ श्री अशोक वर्णवाल, एम.डी.डेयरी श्रीमती सुधा चौधरी, संभाग के कलेक्टर्स सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में प्रदेश ने जो बढ़त बनाई है उसे बरकरार रखा जायेगा। इस सिलसिले में उन्होंने भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग के कलेक्टर्स एवं विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्थिति पर सतत निगाह रखें और हालातों के मद्देनजर समय रहते उचित कदम उठाएं। उज्जैन क्षेत्र में मिलावट की एक घटना का जिक्र करते हुए श्री उपाध्याय ने तल्ख लहजे में कहा कि कृषि आदानों में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आया जायेगा और उन्हें जेल की हवा खिलाई जायेगी। उन्होंने कहा कि बायो फर्टीलाइजर में मिलावट का विपरीत असर कृषि उत्पादन पर पड़ता है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। अपर मुख्य सचिव ने कलेक्टर्स को साफ निर्देश दिए कि वे एक टीम गठित कर आदान सामग्रियों के नमूने लें और मिलावट या धांधली पाए जाने पर कठोर कदम उठाएं। उन्होंने एम.पी.एग्रो के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एग्रो से जो भी सामग्री प्रदाय की जायेगी उसकी सैम्पलिंग होगी। जिन भी मामलों में नमूले फेल होते हैं उनमें कम्प्रोमाइज बिल्कुल नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लायसेंस निलंबित होने पर किसी भी सूरत में उनका नवीनीकरण नहीं किया जायेगा।
राजस्व अधिकारी कृषि केन्द्रित बनें
अपर मुख्य सचिव श्री एम.एम.उपाध्याय ने बैठक में कृषि एवं उद्यानिकी क्षेत्र में आ रही कठिनाईयों को जाना समझा और उनके निराकरण का रास्ता साफ किया। उन्होंने कहा कि कृषि में समन्वित प्रयासों से जो मुकाम हासिल किया गया है उसे बरकरार रखा जायेगा। राजस्व अधिकारी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी कृषि केन्द्रित अधिकारी बनें और उनकी जिम्मेदारी होगी कि कृषि की स्थिति बेहतर बनी रहे। श्री उपाध्याय ने साफ कर दिया कि मूलतः भू-राजस्व संहिता कृषि से सीधे सीधे जुड़ी है ऐसे में राजस्व अधिकारियों का दायित्व हो जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि जमीन का सर्वोत्तम उपयोग कृषि में हो।
असली हीरो किसान
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि में असली हीरो तो किसान ही होता है। खाद-बीज सहित कीटनाशक, बीजोपचार, जैसी व्यवस्थाएं समय आने पर वह स्वयं करता है। कृषि की मूल शक्ति किसान ही है। दो-चार व्यवस्थाएं ही विभागों के जिम्मे आती है जिनसे कभी मुंह नहीं मोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को आत्मविश्वासी बनाने की दिशा में सोचा जाना चाहिए जिसके लिए कृषि से जुड़ी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत है। अधिकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में ध्वजवाहक बनें।
देश का सबसे बड़ा हार्टीकल्चर कॉरीडोर
श्री उपाध्याय ने बताया कि भोपाल और इन्दौर के बीच देश का सबसे बड़ा हार्टीकल्चर कॉरीडोर निर्मित किया जायेगा जिसके लिए स्वीकृति जारी की जा चुकी है। इसके लिए उन्होंने कलेक्टर्स सहित हार्टीकल्चर के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में कर्मठता से कार्य करें। उन्होंने बताया कि हार्टीकल्चर कॉरीडोर की इस सुविचारित योजना में ग्रीन एवं पॉली हाउसेज का जाल बिछाया जायेगा। इसमें आधुनिक तकनीकें इस्तेमाल की जायेंगी। स्ट्रेक्चर की गारंटी संबंधित एजेंसीज की होगी। तीन साल का इंश्योरेंस होगा।
बीस फीसदी बढ़त का दावा
अपर मुख्य सचिव ने यह दावा किया कि प्रकृति की अनुकूलता के चलते खरीफ 2013 में 20 फीसदी बढ़त हासिल की जायेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुछ ऐसे संभाग भी हैं जहां उत्पादन 30 फीसदी तक बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पोटेंसिल की सही जानकारी सामने आना चाहिए। उन किसानों को आगे लाने की जरूरत है जो बेहतर उत्पादन करते हैं।
पचास से सौ एकड़ में मेला
अपर मुख्य सचिव श्री उपाध्याय ने खरीफ मेलों की अवधारणा को बदलते हुए कहा कि अब यह मेले सीमित दायरे में नहीं बल्कि पचास से सौ एकड़ में लगाए जायेंगे। किसानों के खेतों में क्षेत्र के मान से इंटरप्रटेशन सेंटर बनाकर परीक्षण किया जायेगा। कम्पनियों से डिमांस्ट्रेशन कराया जायेगा जिसमें सीमावर्ती किसानों के विजिट की व्यवस्था की जायेगी। यह डिमांस्ट्रेशन सीमित दायरे में नहीं होकर पचास या सौ एकड़ में होगा। इस सिलसिले में उन्होंने कलेक्टर्स सहित कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
बैठक के दूसरे सत्र में पशुधन विकास, मछलीपालन, दुग्ध संघ आदि विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई।